कितना अहम है लोकसभा अध्यक्ष पद? स्पीकर के पास क्या होते हैं अधिकार

Lok Sabha Speaker: जनता द्वारा निर्वाचित सदस्यों का सदन लोकसभा होता है। इस सदन को सुचारू ढंग से चलाने की जिम्मेदारी स्पीकर की होती है और स्पीकर ही इस सदन का संवैधानिक और औपचारिक मुखिया होता है। लोकसभा स्पीकर सदन में अनुशासन को सुनिश्चित करता है और उल्लंघन करने वाले सदस्यों को दंडित भी करता है।

लोकसभा स्पीकर का पद

Lok Sabha Speaker: लोकतंत्र का त्योहार शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया और चुनावी नतीजे भी सामने आ गए। अब बारी सरकार गठन की है। 18वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और इसी के साथ ही भाजपा नीत राजग (NDA) सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी हुई है। इस बीच, सबसे ज्यादा चर्चा लोकसभा अध्यक्ष पद को लेकर हो रही है तो चलिए इस पद की अहमियत को समझते हैं और जानते हैं कि अध्यक्ष के अधिकारों को।

लोक सदन का मुखिया

लोकसभा अर्थात लोक सदन। अंग्रेजी में इसे Lower House भी कहा जाता है। इस सदन का पीठासीन अधिकारी अध्यक्ष होता है, जिसे लोकसभा स्पीकर भी कहते हैं। स्पीकर सदन के संवैधानिक और औपचारिक दोनों ही प्रमुख होते हैं। भारत सरकार अधिनियम 1919 के प्रावधानों के अंतर्गत देश में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के कार्यालय की शुरुआत हुई थी। आजादी से पहले स्पीकर और डिप्टी स्पीकर को प्रेसिडेंट और डिप्टी प्रेसिडेंट कहा जाता था, लेकिन आजाद भारत में यह परंपरा बदली और हम लोकसभा के मुखिया को लोकसभा स्पीकर या लोकसभा अध्यक्ष के तौर पर जानने लगे।

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