अंतरिक्ष में दौड़ लगा रहा 'चिकन नेबुला', ESO की तस्वीर देख मंत्रमुग्ध हो जाएंगे आप
Chicken Nebula: ब्रह्मांड हमारी कल्पनाओं से भी ज्यादा विशाल है और इस विशालकाय ब्रह्मांड में अनेकों ऐसी वस्तुएं मौजूद हैं, जो खगोलविदों को विस्मय से भर देती है। इन्हीं वस्तुओं में शामिल होते हैं नेबुला, जो गैस और धूल की विशाल संरचना है, जहां पर तारों का निर्माण होता है। ऐसे ही एक नेबुला को कैप्चर किया गया है जिसे चिकन नेबुला कहा जा रहा है।
चिकन नेबुला (फोटो साभार: ESO/VPHAS team.)
Chicken Nebula: ब्रह्मांड में कई ऐसे खगोलीय वस्तुएं मौजूद हैं, जो खगोलविदों की जिज्ञासा बढ़ा देती हैं और अंतरिक्ष प्रेमी को मंत्रमुग्ध ही हो जाते हैं। इन्हीं वस्तुओं में से एक नेबुला है, जिन्हें हम गैस बादल के तौर पर जानते हैं। हाल ही में चिली के पैरानल वेधशाला में यूरोपीय दक्षिणी वेधशाला (ESO) के शक्तिशाली टेलीस्कोप (VLT) ने एक ऐसी तस्वीर कैप्चर की जिसे देखकर खगोलविद दंग रह गए।
टेलीस्कोप से प्राप्त एक नई छवि में दूर स्थित एक ब्रह्मांडीय गैस बादल दिखाई दिया, जो एक जिज्ञासु चिकन यानी मुर्गे के समान दिखाई दे रहा है जिसका सिर झुका हुआ है।
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चिकन नेबुला कहां स्थित है?
स्पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, चिकन नेबुला दक्षिणी सेंटॉरस तारामंडल में पृथ्वी से लगभग 6500 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है। आधिकारिक तौर पर इस नेबुला को आईसी 2872 या Gum 40 के नाम से जाना जाता है। हालांकि, ईएसओ के एक बयान के मुताबिक, इसे रनिंग चिकन नेबुला भी कहा जाता है।
गैस के पतले, लहराते बादल, जो नेबुला बनाते हैं, वे कई आकार ले सकते हैं, जो खगोलविदों और हम धरतीवासियों के अलग-अलग प्रतीत होते हैं। मुर्गे के समान प्रतीत होने वाला आईसी 2872 नेबुला का सिर ऊपर की ओर झुका हुआ है। तारा निर्माण का एक चमकीला हुई चोंच जैसा प्रतीत होता है जिसमें गहरे बादल चिकन नेबुला के सिर के ऊपर फैले हुए हैं।
कब देखा गया चिकन नेबुला?
इस नेबुला को सबसे पहले 1888 में डेनिश खगोलविद जॉन लुइस एमिल ड्रेयर ने देखा था। हालांकि, इस नेबुला को गम 40 नाम ऑस्ट्रेलियाई खगोलविद कोलिन स्टेनली गम के नाम के आधार पर दिया गया। उन्होंने 1955 में दक्षिणी आकाश में 84 उत्सर्जन नेबुलाओं की गम सूची तैयार की थी जिसमें यह भी शामिल है।
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ESO ने क्या कुछ कहा?
ईएसओ अधिकारियों ने एक बयान में कहा कि जैसे-जैसे टेलीस्कोप और उपकरण बेहतर हो रहे हैं ठीक वैसे ही आसमान की गहराइयों में मौजूद वस्तुओं की खोज हो रही है। आईसी 2872 जैसे उत्सर्जन नेबुला तब बनते हैं जब नेबुला के भीतर या उसके आस-पास के तारों का तीव्र विकिरण आस-पास की गैस को सक्रिय करता है। तारे गैस और धूल के बादलों में पैदा होते हैं। यही कारण है कि नेबुला नए तारों के निर्माण के लिए हॉटबेड होते हैं।
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अनुराग गुप्ता author
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