चट्टान, महासागर और न जाने किस-किस की है संभावना... जेम्स वेब टेलीस्कोप ने खोज निकाली पृथ्वी जैसी दूसरी दुनिया

Super Earth: ब्रह्मांड में कई रहस्यमयी ग्रह मौजूद हैं, जिनके बारे में शायद किसी को भी जानकारी नहीं है, लेकिन जेम्ब वेब टेलीस्कोप ने सौरमंडल के बाहर एक ऐसे ग्रह का अध्ययन किया, जहां पर जीवन की संभावनाएं हो सकती हैं। यह विज्ञानियों के लिए किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है।

lhs 1140b

सुपर अर्थ

मुख्य बातें
  • पृथ्वी से LHS 1140बी की दूरी 48 प्रकाश वर्ष है।
  • पृथ्वी से लगभग 1.7 गुना बड़ा है LHS 1140बी।
  • एक्सोप्लैनेट पर चट्टानों के नीचे हो सकता है पानी।
Super Earth: विज्ञानी लगातार जीवन की संभावनाओं वाली दूसरी दुनिया की तलाश में जुटे हुए हैं। ऐसे में अबतक विज्ञानियों ने 5000 से अधिक एक्सोप्लैनेट, जिन्हें बाह्यग्रह कहते हैं, की तलाश की है। इस बीच, विज्ञानियों को एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। बता दें कि जेम्स वेब टेलीस्कोप का इस्तेमाल करने वाले विज्ञानियों ने एक एक्सोप्लैनेट की खोज की। माना जा रहा है कि इस ग्रह में जीवन हो सकता है और विज्ञानी इसकी गहन जांच में जुटे हुए हैं।

एक्सोप्लैनेट का क्या है नाम?

विज्ञानियों द्वारा खोजे गए एक्सोप्लैनेट को सुपर अर्थ भी कहा जा रहा है। इसे एलएचएस 1140बी नाम दिया गया है। पृथ्वी से एलएचएस 1140बी की दूरी महज 48 प्रकाश वर्ष यानी लगभग 450 ट्रिलियन किलोमीटर है।
विज्ञानियों के मुताबिक, अबतक सौरमंडल के बाहर 5,000 से अधिक ग्रहों की खोज की गई है, जिनमें से कुछ ही गोल्डीलॉक्स क्षेत्र में स्थित हैं। यह ऐसा क्षेत्र है, जो न तो बहुत ज्यादा गर्म और न ही बहुत ज्यादा ठंडा होता है। ऐसे में यहां पर पानी की संभावनाएं भी हैं।

कब खोजा गया यह एक्सोप्लैनेट

एक्सोप्लैनेट एलएचएस 1140बी को पहली बार साल 2017 में देखा गया था, लेकिन शुरूआत में इसे छोटा-नेपच्यून माना जा रहा था, लेकिन विज्ञानियों की गहन जांच के बाद कई खुलासे हुए और विज्ञानी अभी भी जीवन की संभावनाओं इत्यादि को लेकर जांच में जुटे हुए हैं।
जेम्स वेब टेलीस्कोप के विश्लेषण से पता चला है कि यह एक्सोप्लैनेट वास्तव में एक चट्टानी 'सुपर अर्थ' है। ऐसे में विज्ञानियों को उम्मीद है कि एक्सोप्लैनेट पर चट्टानों के नीचे बर्फ हो सकता है। साथ ही एक संभावना यह भी है कि वहां पर एक बड़ा महासागर हो सकता है। हालांकि, विज्ञानियों को इस बात की पुष्टि करने में कम से कम एक साल का समय लग सकता है।

क्या एक्सोप्लैनेट में वायुमंडल है?

फ्रांस के एक विज्ञानी मार्टिन टर्बेट ने बताया कि हमारे पास इस बात के कोई पुख्ता सबूत नहीं है कि एलएचएस 1140बी में वायुमंडल है, लेकिन कई संकेत इसकी ओर इशारा करते हैं। इसकी सतह का तापमान लगभग पृथ्वी और मंगल ग्रह के तापमान जैसा होना चाहिए।
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अनुराग गुप्ता author

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। खबरों की पड़ताल करना इनकी आदतों में शुमार हैं और यह टाइम्स नाउ नवभारत की वेबसाइट क...और देखें

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