Black Hole: मध्यम आकार के दुर्लभ ब्लैक होल के मिले साक्ष्य; खगोलविद भी हैरान
Black Hole: खगोलविदों के लिए ब्लैक होल सबसे ज्यादा रहस्यमयी वस्तुओं में से एक बने हुए हैं। इनके भीतर सूर्य को निगलने की क्षमता रखता है। खगोलविदों ने हबल स्पेस टेलीस्कोप से कैप्चर की गई 500 से अधिक तस्वीरों और 20 साल के डेटा का विश्लेषण किया। जिसमें उन्हें एक मध्यम द्रव्यमान वाले ब्लैक होल के साक्ष्य मिले हैं।
दुर्लभ ब्लैक होल
मुख्य बातें
- खगोलविदों को मिली बड़ी कामयाबी।
- अंतरिक्ष का भूखा शैतान है ब्लैक होल।
- बड़े से बड़े ग्रह को निकलने की क्षमता रखता है ब्लैक होल।
Black Hole: ब्रह्मांड में कई अनोखी वस्तुएं मौजूद हैं, जिनके बारे में खगोलविदों को ज्यादा ज्ञान नहीं है, लेकिन टेलीस्कोप की मदद से लगातार नई-नई खोज कर रहे हैं। ब्रह्मांड में एक ऐसा दैत्य मौजूद है, जो बिना डकार लिए सूर्य को भी निगल सकता है। आसपास आने वाली तमाम चीजों को वह अपनी ओर खींच लेता है और रोशनी तो दिखाई तक नहीं देती है कि कहां चली गई। हम बात ब्लैक होल की कर रहे हैं।
खगोलविदों को एक ऐसे ब्लैक होल के साक्ष्य मिले हैं, जो बेहद दुर्लभ हैं। अबतक खगोलविदों ने मरते हुए तारे से जन्में विशालकाय या फिर छोटे ब्लैक होल का पता लगाया था, लेकिन अब ऐसे मायावी ब्लैक होल का पता चला है, जो मध्यम आकार का है।
मध्यम आकार का ब्लैक होल (Intermediate Black Hole)
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के मुताबिक, खगोलविदों ने ब्लैक होल के बनने की गाथा को समझने की कोशिश की। ऐसे में खगोलविदों ने हबल स्पेस टेलीस्कोप से कैप्चर की गई 500 से अधिक तस्वीरों और 20 साल के डेटा का विश्लेषण किया। जिसमें उन्हें एक मध्यम द्रव्यमान वाले ब्लैक होल के साक्ष्य मिले हैं।
खगोलविदों ने क्या कुछ कहा?
यह मायावी ब्लैक होल मरते हुए तारों से बनने वाले ब्लैक होल से बड़े, लेकिन आकाशगंगाओं के केंद्र में स्थित सुपरमैसिव ब्लैक होल से छोटे हैं। खगोलविदों का मानना है कि उन्हें ओमेगा सेंटॉरी स्टार क्लस्टर में एक मध्यम द्रव्यमान वाले ब्लैक होल के अबतक के सबसे पुख्ता सबूत मिले हैं।
बता दें कि कई अध्ययनों ने ओमेगा सेंटॉरी स्टार क्लस्टर में एक मध्यम द्रव्यमान वाले ब्लैक होल (IMBH) की मौजूदगी के संकेत दिए हैं।
जर्मनी में मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी की टीम लीडर नादिन न्यूमेयर ने कहा कि यह खोज मध्यम द्रव्यमान वाले ब्लैक होल का अबतक का सबसे प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने इसे रोमांचक बताया, क्योंकि समान द्रव्यमान वाले बहुत कम अन्य ब्लैक होल ज्ञात हैं।
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अनुराग गुप्ता author
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