खगोलविदों ने पहली बार Milky Way से परे तारे को किया 'Zoomed-In', मिले सुपरनोवा विस्फोट के संकेत, देखें तस्वीर

WOH G64 Star: खगोलविदों को एक नई उपलब्धि हासिल हुई है। उन्होंने पहली बार हमारी अपनी मिल्की-वे आकाशगंगा से परे एक दूसरी आकाशगंगा में मौजूद एक तारे को कैप्चर किया। सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि खगोलविदों ने मिल्की-वे के भीतर तारों की दर्जनों जूम-इन तस्वीरों को कैप्चर किया है, लेकिन पहली बार दूसरी आकाशगंगा के तारे को तस्वीर में कैद किया है।

WOH G64

दूसरी दुनिया का मरता हुआ तारा (फोटो साभार: ESO/K. Ohnaka et al.)

WOH G64 Star: खगोलविदों ने पहली बार हमारी घरेलू मिल्की-वे आकाशगंगा से परे किसी दूसरी आकाशगंगा के एक तारे को कैप्चर किया है। देखने में आप लोगों को यह तस्वीर ब्लर लग रही होगी, किंतु यह खगोल जगत की एक बड़ी ऐतिहासिक तस्वीर है। खगोलविदों की टीम ने विशालकाय टेलीस्कोप इंटरफेरोमीटर (VLTI) की मदद से WOH G64 नामक विशाल लाल सुपरजायंट तारे को फोकस किया।

कहां स्थित है WOH G64 तारा?

WOH G64 मिल्की-वे की एक उपग्रह बौनी आकाशगंगा लार्ज मैगेलैनिक क्लाउड (LMC) में 1,60,000 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। खगोलविदों ने इस तारे को 'बीहेमोथ स्टार' नाम दिया है, क्योंकि यह सूर्य के आकार से 2,000 गुना ज्यादा बड़ा है। बीहेमोथ स्टार का नजारा देखने में भले ही ब्लर लगे, लेकिन इसके आसपास मौजूद धूल और गैस की संरचना भी दिखाई दे रही है, जिसे पहले कभी देखा नहीं गया है।

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सुपरनोवा की ओर बढ़ रहा WOH G64?

स्पेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, आसपास मौजूद पदार्थ से ऐसे संकेत मिलते हैं कि WOH G64 तारा अब अपने जीवन के अंतिम पड़ाव में एक विशाल सुपरनोवा की ओर बढ़ रहा है।

चिली में एंड्रेस बेलो नेशनल यूनिवर्सिटी के खगोलविद केइची ओहनाका ने कहा कि पहली बार हम मिल्की-वे के बाहर एक आकाशगंगा में एक मरते हुए तारे की जूम-इन छवि लेने में कामयाब हो पाए हैं। हमने तारे के आस-पास एक अंडे के आकार का कोकून देखा। इस बात को लेकर हम उत्साहित हैं, क्योंकि यह सुपरनोवा विस्फोट से पहले मरते हुए तारे से पदार्थ के भारी निष्पादन से संबंधित हो सकता है।

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खगोलविदों ने मिल्की-वे के भीतर तारों की दर्जनों जूम-इन तस्वीरों को कैप्चर किया है, लेकिन हमारी आकाशगंगा से परे किसी तारे को समान स्तर की जानकारी के साथ कैप्चर करने में इतना ज्यादा समय लग गया। पिछले कुछ समय से केइची ओहनाका और उनकी टीम के सदस्यों का WOH G64 को जूम-इन करना किसी एक लक्ष्य रहा है।

टीम के सदस्य तथा जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर रेडियो एस्ट्रोनॉमी में खगोल विज्ञान के प्रोफेसर गेर्ड वीगेल्ट ने एक बयान में कहा कि हमने पाया है कि पिछले 10 सालों में तारे में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं, जिससे हमें वास्तविक समय में किसी तारे के जीवन को देखने का दुर्लभ अवसर मिला है।

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अनुराग गुप्ता author

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