गिद्ध दिखाते हैं स्वर्ग का रास्ता, तिब्बत में अनोखी है अंतिम संस्कार की प्रथा; जानिए क्या है मान्यता
Tibetan Sky Burial: भारत सहित दुनिया भर में अंतिम संस्कार की प्रथा काफी अनोखी और अलग हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि तिब्बत में कैसे अंतिम संस्कार होता है। दरअसल, तिब्बत में अंतिम संस्कार की प्रथा को स्काई बरियल कहा जाता है। यहां पर मृतक के शरीर को एक ऊंचे स्थान पर ले जाया जाता है।
स्काई बरियल प्रथा
- कहीं पर जलाया तो कहीं पर दफनाया जाता है।
- तिब्बत में स्काई बरियल प्रथा से होता है अंतिम संस्कार।
- यह प्रथा तिब्बत में बेहद आम और सम्मानित है।
Tibetan Sky Burial: भारत सहित दुनियाभर में अंतिम संस्कार की प्रथा एक-दूसरे से काफी भिन्न हैं। किसी धर्म में शव को जलाने की प्रथा है तो किसी अन्य में दफनाने की, लेकिन तिब्बत में तो अंतिम संस्कार की बेहद अनोखी प्रथा है, जिसे आकाशीय दफन यानी स्काई बरियल कहा जाता है।
देखने में मन को झकझोर देने वाली यह प्रथा तिब्बत में बेहद आम और सम्मानित अंतिम संस्कार की एक पद्धति है। इसमें शव को किसी ऊंचे पहाड़ पर ले जाता जाता है, जहां पर बौद्ध धर्म के भिक्क्षू या लामा द्वारा खास प्रार्थनाएं की जाती हैं। इसके बाद शव को खुले आसमान के नीचे गिद्धों और अन्य पक्षियों के लिए छोड़ दिया जाता है। आपको लग रहा होगा कि यह आखिर कैसी प्रथा है तो हम आपको बता दें कि बौद्ध धर्म के अनुयायी भी हिंदू धर्म की ही तरह पुर्नजन्म को मानते हैं।
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घर पर रखा जाता है शव
रिपोर्ट्स के मुताबिक, तिब्बत में 1100 सालों से स्काई बरियल की अनोखी प्रथा चली आ रही है। बौद्ध धर्म के अनुयायी मानते हैं कि मृत्यु के बाद शरीर को कोई खास महत्व नहीं रह जाता है। ऐसे में ऊंचाई वाले पहाड़ पर ले जाकर शव का अनोखी प्रथा के साथ अंतिम संस्कार किया जाता है।
अगर किसी बौद्ध धर्म के अनुयायी की मौत हो जाती है तो उसके शव को आमतौर पर तीन से पांच दिनों तक घर पर एक सफेद कपड़े में लपेटकर रखा जाता है। इस दौरान बौद्ध धर्म के लोग, रिश्तेदार, मित्र इत्यादि प्रार्थना करते हैं और श्रद्धांजलि देते हैं। इसके बाद स्काई बरियल की तैयारी की जाती है।
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क्या है मान्यता?
अंतिम संस्कार के समय पर शव को ऊंचाई वाले स्थान पर रखा जाता है और आस-पास खास तरह का धुंआ किया जाता है, जिनकी महक से गिद्ध आकर्षित होते हैं। बरियल मास्टर शव के छोटे-छोटे टुकड़े कर देता है ताकि गिद्ध इत्यादि पक्षियों को शव को खाने में दिक्कत न हो। हालांकि, तिब्बत में क्षेत्रीय आधार पर अंतिम संस्कार की यह प्रथा छोटी-बहुत अलग-अलग हो सकती है।
तिब्बत में यह माना जाता है कि स्काई बरियल के जरिए मृतक की आत्मा को मुक्ति मिलती है। तिब्बतियों में गिद्ध को फरिश्ता माना जाता है और गिद्ध मृतक के शव से आत्मा को स्वर्ग की ओर ले जाते हैं।
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