आखिर क्यों बढ़ रहा हीटवेव का टॉर्चर? इन प्वाइंट्स में समझिए कारण

Heatwave: मौसम की मार से लगभग हर कोई आहत है और इस बार हीटवेव कुछ ज्यादा ही चल रही है और अब गर्म थपेड़े सहने का मन नहीं है, क्योंकि हीटवेव सेहत के लिए बहुत ज्यादा नुकसानदायक है और इसकी वजह से इस साल अब तक कई लोगों की जान भी जा चुकी है। ऐसे में आप लोगों के जहन में यह सवाल जरूर घूम रहा होगा कि आखिर इस बार हीटवेव इतनी ज्यादा क्यों है?

भीषण गर्मी से हाहाकार

Heatwave: दिल्ली सहित उत्तर और मध्य भारत के कई हिस्से भीषण गर्मी की चपेट में हैं। हफ्तेभर से तो सूर्य देव कुछ ज्यादा ही नाराज दिखाई दे रहे हैं। ऐसा लग रहा है मानो आसमान से आग बरस रही है, जबकि चाहत तो पानी की है। हालांकि, बुधवार को हुई बारिश से फौरी राहत तो मिली, लेकिन उमस बढ़ गई। अब फौरी राहत से काम नहीं चलने वाला है। यूं तो मई का महीना अब समाप्त होने को है, लेकिन अभी जून बाकी है और जून में अगर हीटवेव का आलम ऐसा ही रहा तो दो जून की रोटी खाने में भी मुश्किल आन पड़ेगी।
मौसम की मार से लगभग हर कोई आहत है और इस बार हीटवेव कुछ ज्यादा ही चल रही है और अब गर्म थपेड़े सहने का मन नहीं है, क्योंकि हीटवेव सेहत के लिए बहुत ज्यादा नुकसानदायक है और इसकी वजह से इस साल अब तक कई लोगों की जान भी जा चुकी है। ऐसे में आप लोगों के जहन में यह सवाल जरूर घूम रहा होगा कि आखिर इस बार हीटवेव इतनी ज्यादा क्यों है? हीटवेव कब थमेगी? तो चलिए विस्तार से हीटवेव के बारे में समझते हैं।

क्या है हीटवेव (What is Heatwave)

हीटवेव को आम भाषा में लू कहते हैं। हीटवेव असामान्य रूप से गर्म तापमान की लंबी अवधि है। यह दो या फिर उससे अधिक दिनों तक रहती है। जब मैदानी इलाकों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस और तटीय क्षेत्रों में 37 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है तो हीटवेव की घोषणा की जाती है। हीटवेव मुख्य रूप से मार्च से लेकर जून तक चलती है। हालांकि, कई बार जुलाई में भी हीटवेव की घटनाओं को दर्ज किया गया है।
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