Summer Solstice: क्या आज साल का सबसे बड़ा दिन? ग्रीष्म संक्राति पर सबसे करीब होता है सूरज
Summer Solstice: ग्रीष्म संक्रांति यूं तो 21 जून को मनाई जाती है, क्योंकि इस दिन से उत्तरी गोलार्ध में खगोलीय तौर पर गर्मी की शुरुआत होती है और हमारा देश भारत उत्तरी गोलार्ध में स्थित है, जहां पर पहले से ही भीषण गर्म की वजह से लोगों का जीना मुहाल हो चुका है, लेकिन ग्रीष्म संक्रांति के बारे में आप क्या जानते हैं?
ग्रीष्म संक्रांति
Summer Solstice: भारत सहित कई देशों में भीषण गर्मी का दौर जारी है। भारत में तो आसमान से आग बरस रही है और अबतक सैकड़ों लोगों की मौत भी हो चुकी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उत्तरी गोलार्ध यानी नॉर्थ हेमिस्फीयर में गर्मी की शुरुआत कब से होती है? दरअसल, उत्तरी गोलार्ध में तो अब गर्मी की शुरुआत हो रही है। खगोलीय तौर पर ऐसा माना जाता है कि उत्तरी गोलार्ध में 21 जून से गर्मी की शुरुआत होती है। ऐसे में उत्तरी गोलार्ध का झुकाव सूर्य की ओर होता है, जिसकी वजह से दिन लंबे और गर्म होते हैं।
साल का सबसे बड़ा दिन आज
उत्तरी गोलार्ध में गर्मी के मौसम की शुरुआत वाले दिन को ग्रीष्म संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। यह आमतौर पर 21 जून को होता है। इस दिन उत्तरी गोलार्ध में दिन सबसे लंबा, जबकि रात सबसे छोटी होती है।
कैसे बदलता है मौसम
आप लोगों को यह तो पता ही है कि पृथ्वी अपनी धुरी पर 23.5 डिग्री के कोण पर झुकी हुई है। ऐसे में सूर्य लगातार अपनी स्थिति को बदलता रहता है। जिसकी वजह से मौसम बदलते हैं।
ग्रीष्म संक्रांति
साथ ही ग्रीष्म संक्रांति के समय बाकी दिनों की तुलना में सूर्य आसमान में ज्यादा ऊंचाई पर दिखाई देता है। जब उत्तरी गोलार्ध का झुकाव सूर्य की ओर होता है तो उत्तरी गोलार्ध में ग्रीष्मकाल होता है और यह दक्षिणी गोलार्ध के लिए शीतकाल की शुरुआत का संकेत भी है।
भारत किस गोलार्ध में स्थित है?
भूगोल में आप लोगों ने पढ़ा होगा कि पृथ्वी के बीच में खींची गई एक काल्पनिक रेखा, जो दो बराबर हिस्सों में विभाजित करती है। इसे भूमध्य रेखा या इक्वेटर कहते हैं। भूमध्य रेखा के उत्तर में स्थित हिस्से को उत्तरी गोलार्ध, जबकि दक्षिण दिशा की ओर स्थिर हिस्से को दक्षिणी गोलार्ध कहते हैं। भारत, अमेरिका, चीन, कनाडा सहित यह देश उत्तरी गोलार्ध में, जबकि ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, साउथ अमेरिका जैसे देश दक्षिणी गोलार्ध में आते हैं।
कब बदलेंगे दिन
आज की घटना के बाद अब सितंबर में दिन और रात एक समान होंगे। दरअसल, 23 सितंबर को दिन और रात की अवधि बराबर होती है। इसके बाद दिन के मुकाबले धीरे-धीरे रात की अवधि बढ़ने लगती है और 22 दिसंबर तक यह प्रक्रिया चलती रहती है, क्योंकि 22 दिसंबर को सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात होती है। यह एक प्राकृतिक घटना है।
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