खगोलविदों का कमाल, सुदूर अंतरिक्ष में मौजूद भूरे बौने तारे का तीन दशक पुराना रहस्य सुलझा; जानें बड़ी बातें

Mysterious Brown Dwarf: खगोलविदों ने लगभग तीन दशक पुराने बौने तारे का एक अजीबोगरीब रहस्य सुलझा दिया है। दरअसल, साल 1995 में खगोलविदों ने सुदूर अंतरिक्ष में ग्लीज 229बी नामक एक बौना तारा खोजा था, लेकिन 29 साल बाद ग्लीज 229बी के एक बाइनरी सिस्टम में होने की बात पता चली है।

भूरा बौना तारा (फोटो साभार: Copilot AI)

मुख्य बातें
  • साल 1995 में हुई थी ग्लीज 229बी की खोज।
  • एक बाइनरी सिस्टम से बंधा है ग्लीज 229बी।
  • 29 साल बाद सुलझा ग्लीज 229बी का रहस्य।

Mysterious Brown Dwarf: ब्रह्मांडीय दुनिया के रहस्य बेहद पेचीदा होते हैं और उन्हें सुलझाने में कई बार काफी समय लगता है, लेकिन जब उन रहस्यों से पर्दा उठ जाता है तो मानो खगोलविद चैन की सांस लेते हैं। आज हम ऐसे ही एक रहस्य की बात करेंगे जिससे पर्दा उठाने में खगोलविदों को लगभग तीन दशक का समय लगा। बात है साल 1995 की, जब खगोलविदों ने एक भूरा बौना तारा खोजा था, उस वक्त उन्हें लगा था कि यह भूरा बौना तारा अकेला है, लेकिन अब उसके एक बाइनरी सिस्टम में होने की जानकारी मिली है।

भूरे बौने तारे का क्या है नाम?

साल 1995 में खोजा गया भूरा बौना तारा और कोई नहीं, बल्कि ग्लीज 229बी (Gliese 229B) है, जो अपनी तरह का पहला तारा था और अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ग्लीज 229बी एक भूरे बौने बाइनरी सिस्टम का हिस्सा हो सकता है। 29 साल तक खगोलविद जिस जगह पर एकमात्र भूरा बौना समझते रहे, वहां पर दो तारे थे।

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