कार में क्यों नहीं लगा सकते हैं काला शीशा? सोचिये नहीं, पढ़ लीजिए इससे जुड़े नियम
Black Film: आप लोगों के पास वाहन तो होगा ही और अगर नहीं है तो भी यह जानकारी आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि सिर्फ एक गलती के चलते आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं कार में इस्तेमाल होने वाली ब्लैक फिल्म का तो एक बार आप भी अपनी कार चेक कर लीजिए कि खिड़कियों पर तय मानकों के हिसाब से ही ब्लैक फिल्म लगी हुई है या नहीं?
ब्लैक फिल्म
- तय मानकों के हिसाब से ही लगवाएं ब्लैक फिल्म।
- खिड़की की विजिबिलिटी कम होने पर भरना पड़ सकता है जुर्माना।
- यातायात नियमों का माना जाएगा उल्लंघन।
Black Film: सड़क पर निकलने से पहले अपनी गाड़ी का कांच एक बार चेक कर लीजिए, क्योंकि बहुत से लोग शौकिया तौर पर गाड़ी के कांच में काली पन्नी लगवा लेते हैं और इसे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन माना जाता है। ऐसे में आपको जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। कई लोगों के मन में यह सवाल अक्सर उठता है कि गाड़ी में काला कांच या काली पन्नी लगवाना सही है या नहीं? तो चलिए इसके बारे में आपको सबकुछ समझा देते हैं।
क्या कहते हैं नियम?
सुप्रीम कोर्ट के साल 2012 के आदेश के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति वाहन में काले रंग का शीशा या फिल्म नहीं लगा सकता है। मोटर वाहन अधिनियम 1988 और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, वाहन के सामने और पीछे वाले शीशे की विजिबिलिटी कम से कम 70 फीसद होनी चाहिए। जिसका मतलब साफ है कि अगर आप शीशे में काले रंग की फिल्म लगवाएं तो विजिबिलिटी 70 फीसद से कम नहीं होनी चाहिए।
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ऐसा नहीं है कि सिर्फ वाहन के सामने और पीछे वाले शीशे के लिए ही नियम निर्धारित हैं, बल्कि साइड वाले शीशे की विजिबिलिटी के बारे में भी बताया गया है। बता दें कि साइड के शीशों की विजिबिलिटी 50 फीसद से कम नहीं होनी चाहिए। यानी शीशों से 50 फीसद लाइट अंदर जानी चाहिए। अगर ब्लैक ग्लास या ब्लैक फिल्म तय मानकों पर खरी नहीं उतरी तो आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है।
- तय मानकों का पालन नहीं करने पर आप कानूनी पचड़े में पड़ सकते हैं।
- विजिबिलिटी कम होने की स्थिति को यातायात नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।
- यातायात नियमों का उल्लघंन करने पर भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।
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देश में वाहन में काले शीशों का इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित नहीं है, लेकिन मानक निर्धारित किए गए हैं। दरअसल, यह नियम इसलिए बनाए गए हैं ताकि वाहन आपराधिक कामों के लिए इस्तेमाल न किया जा सके।
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