अजीबो गरीब दिखने वाले 'ट्री ऑफ लाइफ' का सुलझा रहस्य, DNA अध्ययन ने उत्पत्ति से जुड़े ये राज खोले

Tree of Life: अजीबो गरीब दिखने वाले बाओबाब के पेड़ों का रहस्य वैज्ञानिकों ने सुलझा लिया है। वैज्ञानिकों ने अफ्रीकी मूल के इस पेड़ का डीएनए रिसर्च किया है। इस रिसर्च में बाओबाब के पेड़ की उत्पत्ति से जुड़ा रहस्य खुल गया है। बता दें कि यह पेड़ मूल रूप से मध्य प्रदेश के मांडू क्षेत्र में पाए जाते हैं। हालांकि, भारत के कुछ अन्य राज्यों में भी कम संख्या में यह पेड़ दिख सकते हैं।

बाओबाब के पेड़ों का रहस्य

Tree of Life: अजीबो गरीब दिखने वाले बाओबाब के पेड़ों (Baobab Tree) के रहस्य से वैज्ञानिकों ने पर्दा उढ़ा दिया है। अफ्रीकी मूल के यह पेड़ जिन्हें 'ट्री ऑफ लाइफ' के रूप में जाना जाता है, वह मुख्यत: मध्य प्रदेश के मांडू क्षेत्र में पाए जाते हैं। हालांकि, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में भी देखने को मिल सकते हैं। इन पेड़ों को आप लोगों ने शायद ही देखा हो। अगर नहीं देखा है तो कोई बात नहीं, क्योंकि आज हम आपको बाओबाब के पेड़ों की पूरी कहानी बताने जा रहे है और यह समझाएंगे कि आखिर वैज्ञानिकों ने बाओबाब के पेड़ का कौन सा रहस्य उजागर किया है।

यूं तो बाओबाब के पेड़ों की देखरेख लंबे समय से मांडू में रहने वाले भील समुदाय (Bhil Community) के लोग करते आए हैं, लेकिन प्रकृति की सुंदरता को बरकरार रखने के लिए आपको भी इनका ख्याल रखने की आवश्यकता है। इसका मतलब यह नहीं है कि आप मांडू जाकर इन पेड़ों को पानी देना या इनकी देखरेख करना शुरू कर दें। इससे मतलब यह है कि अधिक से अधिक पेड़ लगाएं या हो सकें तो कम से कम एक पेड़ तो जरूर ही लगाएं ताकि वातावरण का संतुलन बना रहें।

बाओबाब के पेड़ का रहस्य

बाओबाब के पेड़ों की उत्पत्ति से जुड़ा हुआ रहस्य वैज्ञानिकों ने सुलझा लिया है। लंबे समय से बाओबाब के पेड़ों पर रिसर्च चल रहा था और वैज्ञानिकों ने बाओबाब के पेड़ों का डीएनए रिसर्च (DNA Research) किया। इस रिसर्च में पता चला कि बाओबाब के पेड़ 21 मिलियन वर्ष पहले हुए और यह सबसे पहले मेडागास्कर में हुए थे।

End Of Feed