मिल्की-वे से परे पहली बार स्वतंत्र 'भूरे बौनों' की हुई खोज! जेम्स वेब ने दिखाई अद्भुत आकाशीय संरचना
Brown Dwarf: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के सबसे उन्नत जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) ने घरेलू मिल्की-वे आकाशगंगा की उपग्रह आकाशगंगा में स्थित एक तारा समूह को कैप्चर किया जिसमें भूरे बौनों की मौजूदगी के बारे में पता चला है और वैज्ञानिक इसके अध्ययन में जुटे हुए हैं।
एनजीसी 602 (फोटो साभार: NASAWebb)
Brown Dwarf: जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने अपनी घरेलू मिल्की-वे गैलेक्सी के परे भूरे बौनों की पहली आबादी का पता लगाया है। जेम्स वेब ने भूरे बौनों को लघु मैगेलैनिक बादल (Small Magellanic Cloud) के निकट स्थित एक भव्य तारा समूह एनजीसी 602 में खोजा, जो पृथ्वी से लगभग दो लाख प्रकाश वर्ष दूर एक उपग्रह आकाशगंगा है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के मुताबिक, इस तारा समूह का वातावरण उन तारा-निर्माण क्षेत्रों के समान है, जो प्रारंभिक ब्रह्मांड में हाइड्रोजन और हीलियम से भारी तत्वों की बहुत कम मात्रा के साथ मौजूद रहे होंगे।
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क्या हैं भूरे बौने?
भूरे रंग का बौने तारे तो बिल्कुल नहीं है और न ही विशाल गैसील दानव हैं। इन्हें 'असफल तारा' कहा जा सकता है। आमतौर पर भूरे बौने लगभग 13 से 75 बृहस्पति के द्रव्यमान जितने होते हैं। इन्हें उपतारकीय पिंड कहा जाता है और यह पूर्णत: आजाद होते हैं, जिसका मतलब है कि ये ग्रहों की तरह किसी मेजबान तारे की परिक्रमा नहीं करते हैं। हालांकि, भूरे बोने तूफान के पैटर्न और वायुमंडलीय संरचना जैसी कुछ विशेषताएं एक्सोप्लैनेट के साथ साझा करते हैं।
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NGC 602 में क्या है?
उपग्रहीय आकाशगंगा में स्थित NGC 602 तारा समूह में कुछ युवा और कम द्रव्यमान वाले तारे हैं। जेम्स वेब द्वारा कैप्चर की गई तस्वीर से पता चलता है कि इस क्लस्टर में भूरे रंद के बौने जैसे पिंड कितने अहम और व्यापक हैं। वैज्ञानिक यह समझने में उत्साहित हैं कि वे कैसे बनते हैं, खासकर ऐसे वातावरण में जो शुरुआती ब्रह्मांड की कठोर परिस्थितियों के समान है।
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी से जुड़ी हुए खगोलविद एलेना मंजावाकास ने बताया कि अबतक हम लगभग 3,000 भूरे बौनों के बारे में जानते हैं, लेकिन वे सभी हमारी अपनी आकाशगंगा में मौजूद हैं।
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अनुराग गुप्ता author
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