'क्लिक' फ्रॉड क्या है? जालसाज कैसे बनाते हैं शिकार? धोखाधड़ी रोकने का जान लें उपाय

Click Fraud: इंटरनेट की दुनिया में सारा खेल 'क्लिक' का है, लेकिन सर्तक रहकर इससे बचा जा सकता है। सबसे पहले ऑनलाइन सामान खरीदते समय आपको अपना पैटर्न बदलने की जरूरत है। दरअसल, क्लिक धोखाधड़ी तब होती है जब कोई व्यक्ति ऑनलाइन क्लिक कराने के लिए 'बोट' (Bots) का नेटवर्क बनाता है। यह कई रूप में हो सकता है।

क्लिक फ्राड क्या है?

मुख्य बातें
  • इंटरनेट जगत में 'क्लिक' का खेल।
  • 'क्लिक' के जरिए शिकार बना रहे धोखेबाज।
  • अपराधी बनाते हैं नकली वेबसाइट।

Click Fraud: इंटरनेट की दुनिया में सारा खेल 'क्लिक' का है। जितने ज्यादा लोग किसी वेबसाइट (Website), सोशल मीडिया पोस्ट (Social Media Post) या विज्ञापन (Advertisment) पर क्लिक करते हैं, उतनी ही ज्यादा उस सामग्री से कमाई होती है, लेकिन इन दिनों साइबर अपराधी 'क्लिक' के इस तेजी से बढ़ते बाजार को 'क्लिक फ्रॉड' या क्लिक धोखाधड़ी से भुनाने की कोशिश कर सकते हैं। इससे आम इंटरनेट उपयोगकर्ताओं से लेकर बड़े संस्थानों तक, जो भी सामग्री साझा करने या अपने उत्पाद बेचने के लिए वेब का उपयोग करते हैं, असुरक्षित हो सकते हैं। तो चलिए समझते हैं कि 'क्लिक धोखाधड़ी' क्या है और इन्हें रोकने के लिए क्या किया जा सकता है?

क्लिक धोखाधड़ी क्या है?

क्लिक धोखाधड़ी तब होती है जब कोई व्यक्ति ऑनलाइन क्लिक (Online Click) कराने के लिए 'बोट' (Bots) का नेटवर्क बनाता है या मानव कर्मियों के 'फ़ार्म' बनाता है। यह कई रूप में हो सकता है।

धोखेबाज अक्सर अपनी वेबसाइट पर विज्ञापनों या लाइक पर धोखाधड़ी से क्लिक पाने के लिए स्वचालित 'बोट्स' या क्लिक 'फार्म' का उपयोग करते हैं। वे वेबसाइट बनाते हैं और व्यवसायों को एक निश्चित कीमत पर अपनी साइट पर विज्ञापन देने के लिए आमंत्रित करते हैं। अगर विज्ञापनदाता प्रति क्लिक भुगतान करेंगे तो धोखेबाज अपने व्यवसाय (जो अक्सर एक फर्जी व्यवसाय होता है) के लिए पैसे कमाएगा और 'ट्रैफिक' को अपनी वेबसाइट पर डायवर्ट करेगा।

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