हर बार जलमग्न हो जाता है असम? आफत की बारिश में जानवर से लेकर इंसान तक बेहाल; जानें इसकी वजह

Assam Flood: असम में एक बार फिर से बाढ़ की वजह से आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक, बाढ़ से 29 जिलों के कुल 21,13,204 लोग प्रभावित हैं, जबकि 57,018 हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न है। बता दें कि ब्रह्मपुत्र, दिगारू और कोलोंग नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं।

Assam_Flood

असम में क्यों आती है बाढ़?

मुख्य बातें
  • असम में बाढ़ से बिगड़े हालात
  • 22 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित
  • अबतक 62 लोगों की हो चुकी है मौत

Assam Flood: हर बार की तरह इस बार भी असम में बाढ़ से हालात बिगड़ने लगे हैं। राज्य की मुख्य नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और बाढ़ की वजह से 29 जिलों के 22 लाख से ज्यादा लोग सीधेतौर पर प्रभावित हुए हैं और जानवरों का जीना भी मुहाल हो गया है। इस साल अबतक भूस्खलन और तूफान की वजह से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 62 हो गया है, लेकिन ऐसा क्या है, जो हर साल असम में भारी बारिश के बाद बाढ़ आती है और सरकार असहाय महसूस करती है।

असम में क्यों आती है बाढ़?

बकौल रिपोर्ट, असम में ब्रह्मपुत्र, दिगारू और कोलोंग नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बाढ़ से 29 जिलों के कुल 21,13,204 लोग प्रभावित हैं, जबकि 57,018 हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न है, लेकिन बाढ़ के लिए इस पूर्वोत्तर राज्य की भौगोलिक स्थिति और प्राकृतिक भूभाग जिम्मेदार हैं। विभिन्न एजेंसियों ने नावों की मदद से एक हजार से अधिक लोगों और 635 जानवरों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। राष्ट्रीय बाढ़ आयोग के मुताबिक, असम का 31,500 वर्ग किमी का क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित है।

यह भी पढ़ें: बुलेट ट्रेन से भी ज्यादा रफ्तार, पलक झपकते शिकार का काम तमाम; इस पक्षी को कितना जानते हैं आप

ब्रह्मपुत्र में राज्य की 50 सहायक नदियों का पानी गिरता है, जिसकी वजह से यह मुख्य नदी खतरनाक रूप धारण कर लेती है और फिर आसपास का समूचा इलाका जलमग्न होने लगता है।

विशेषज्ञ 1950 में आए भीषण भूकंप को भी लगातार आने वाली बाढ़ की स्थिति से जोड़कर देखते हैं। माना जाता है कि भूकंप की वजह से ब्रह्मपुत्र की प्रकृति और दिशा में बदलाव आया है। डिब्रूगढ़ में तो ब्रह्मपुत्र नदी के जलस्तर में दो मीटर की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई थी। हालांकि, बाढ़ के लिए जलवायु को भी जिम्मेदार माना जाता है। ब्रह्रपुत्र को अमेजन के बाद दुनिया की ऐसी दूसरी सबसे बड़ी नदी माना जाता है, जो पानी के साथ-साथ अवसाद को भी बहा कर लाती है। जिसकी वजह से निचले इलाकों को बाढ़ का सामना करना पड़ता है।

तिब्बत और भूटान का निकासी द्वार है असम

असम में बाढ़ के लिए तिब्बत और भूटान जैसे देश भी जिम्मेदार हैं और बची-कुची कसर अरुणाचल और सिक्किम पूरी कर देते हैं। दरअसल, तिब्बत, भूटान, अरुणाचल और सिक्किम के क्षेत्रों की ढलान असम की ओर है। ऐसे में इन तमाम क्षेत्रों के पानी की निकासी असम से ही होती है और यही वजह है कि असम बाढ़ से हर साल प्रभावित रहता है।

यह भी पढ़ें:इस अनोखे पक्षी का पसंदीदा खाना है जहरीला सांप! पलक झपकते ही कर देता है काम तमाम

असम में कब आई थी सबसे भयंकर बाढ़?

पूर्वोत्तर राज्य असम ने 1954 में अबतक की सबसे भयंकर बाढ़ का सामना किया था। उस वक्त बाढ़ की वजह से 40 लाख से ज्यादा लोगों का जीवन प्रभावित हुआ था और काफी लोग बेघर हो गए थे।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | नॉलेज (knowledge News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

अनुराग गुप्ता author

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। खबरों की पड़ताल करना इनकी आदतों में शुमार हैं और यह टाइम्स नाउ नवभारत की वेबसाइट क...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited