कैसा दिखता है ब्रह्मांड का छोर? क्या उसके पार है दूसरी दुनिया; वैज्ञानिक आज भी खोज रहे जवाब

Universe Secret's: हमारी आंखों को आकाश अंतहीन लगता है। लगभग 400 साल पहले दूरबीनों के आविष्कार के साथ ही खगोलविद आसमान में कहीं ज्यादा दूर तक देखने में सक्षम हुए हैं और अब तक उन्नत दूरबीनों की मदद से तो ब्रह्मांड की गहराइयों के रहस्य उजागर करने में जुटे हुए हैं।

ब्रह्मांड का आखिरी छोर कहां है?

मुख्य बातें
  • ब्रह्मांड में मौजूद हैं बहुत सारे ब्रह्मांडीय बादल।
  • गैस और धूल के बादलों को नेबुला कहते हैं।
  • ब्रह्मांड में छिपे हैं अनंत रहस्य।

Universe Secret's: सात वर्ष की नन्हीं लिली का प्रश्न है कि ब्रह्मांड का छोर कैसा दिखाई देता है। यह बेहद दिलचस्प प्रश्न है। दरअसल यह उन सवालों में से एक है, जो इंसान अंत तक पूछता रहेगा, क्योंकि हम इसका जवाब निश्चित रूप से नहीं जानते, लेकिन हम कल्पना कर सकते हैं कि ब्रह्मांड का छोर क्या हो सकता है।

अतीत में झांके

शुरू करने से पहले हमें थोड़ा अतीत में जाने की जरूरत है। रात के वक्त हमारा आकाश पूरे मानव इतिहास में एक जैसा ही दिखता रहा है। यह इतना विश्वसनीय रहा है कि दुनियाभर में लोग नौवहन और अन्वेषण के लिए तारों के 'पैटर्न' को आधार बनाने लगे।

ब्रह्मांडीय बादल

हमारी आंखों को आकाश अंतहीन लगता है। लगभग 400 साल पहले दूरबीनों के आविष्कार के साथ इंसान कहीं ज़्यादा दूर तक देखने में सक्षम हुए और वहां तक देख पाए जहां सिर्फ आंखों से देख पाना संभव नहीं था। वे आकाश में नई चीजों की खोज करते रहे। उन्हें और भी तारे मिले और फिर अंततः उन्होंने पाया कि वहां अजीब से दिखने वाले बहुत सारे ब्रह्मांडीय बादल थे। खगोलविदों ने इन्हें 'नेबुला' नाम दिया, जो लैटिन शब्द 'धुंध' या 'बादल' से लिया गया है।
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