Cognitive Test: क्या है कॉग्निटिव टेस्ट? अमेरिका में खूब हो रही चर्चा; क्या बाइडन कराएंगे ये परीक्षण

Cognitive Test: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में मेंटल हेल्थ से जुड़े मुद्दे पर खासा चर्चा हो रही है। जो बाइडन की पार्टी के सांसद भी उनसे राष्ट्रपति पद की दावेदारी छोड़ने की मांग कर रहे हैं। साथ ही कॉग्निटिव टेस्ट कराने के लिए कहा जा रहा है। हालांकि, बाइडन ने राष्ट्रपति पद की दावेदारी छोड़ने से साफ इनकार कर दिया है।

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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन

मुख्य बातें
  • अमेरिका में नवंबर में होने वाले हैं राष्ट्रपति चुनाव।
  • राष्ट्रपति चुनाव में मेंटल हेल्थ एक बड़ा मुद्दा।
  • राष्ट्रपति पद की दावेदारी नहीं छोड़ेंगे बाइडन।

Cognitive Test: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को इन दिनों राजनीतिक अस्तित्व के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। रिपब्लिकन तो छोड़िए डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर ही बाइडन के खिलाफ आवाज बुलंद होने लगी है। कई डेमोक्रेट्स सांसदों का कहना है कि बाइडन को राष्ट्रपति पद की दावेदारी छोड़ देने चाहिए। दरअसल, नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में मेंटल हेल्थ एक बड़ा मुद्दा बन गया है और लगातार मांग उठ रही है कि बाइडन कॉग्निटिव टेस्ट कराएं।

क्या है पूरा मामला?

राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए हुई पहली बहस में बाइडन का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। जिसके बाद उनके स्वास्थ्य को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जाने लगी, लेकिन उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वह चुनाव की दौड़ से तभी हटेंगे जब 'सर्वशक्तिमान ईश्वर' उनसे ऐसा करने के लिए कहेंगे। हालांकि, बाइडन के हालिया प्रदर्शन के बाद रेटिंग में गिरावट जरूर आई है और विपक्षियों के साथ-साथ सहयोगी भी उनका कॉग्निटिव टेस्ट कराने की मांग कर रहे हैं तो चलिए समझते हैं कि आखिर कॉग्निटिव टेस्ट है क्या?

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क्या है कॉग्निटिव टेस्ट?

अगर 81 वर्षीय बाइडन कॉग्निटिव टेस्ट कराते हैं तो इससे यह पता चल जाएगा कि आखिर उनका दिमाग कितनी अच्छी तरह से काम कर रहा है। हालांकि, इस टेस्ट से किसी खास बीमारी के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलेगी, लेकिन यह साफ हो जाएगा कि टेस्ट कराने वाले को किसी अन्य दिमाग संबंधी टेस्ट कराने की जरूरत है या नहीं?

बाइडन की पार्टी के कई सांसदों का मानना है कि वह शारीरिक और मानसिक तौर पर बूढ़े हो चुके हैं। कॉग्निटिव टेस्ट एक प्रकार का मानसिक परीक्षण है। इसके जरिए व्यक्ति की बुद्धिमता, सोचने की शक्ति, काम करने तथा समस्याओं को हल करने की क्षमता को मापा जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि कई बार कुछ लोग एक साथ कई तरह के काम करते हैं जिसकी वजह से इससे जुड़े हुए लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

कमजोर याददाश्त वाले कराएं टेस्ट

कमजोर याददाश्त वालों को कॉग्निटिव टेस्ट कराना चाहिए। इसके अलावा वह लोग भी यह टेस्ट करा सकते हैं, जिन्हें ऐसा महसूस होता है कि उनकी याददाश्त अब कमजोर होने लगी है और वह बहुत जल्दी चीजें भूल जाते हैं। साथ ही जल्द-से-जल्द निर्णय नहीं ले पाते और उनका ध्यान कहीं और ही लगा रहता है।

इस टेस्ट में सरल सवालों के जवाब और अन्य परीक्षण शामिल है। इस टेस्ट को संज्ञानात्मक स्क्रीनिंग टेस्ट या संज्ञानात्मक मूल्यांकन भी कहा जाता है। अगर इस टेस्ट में व्यक्ति अच्छा स्कोर नहीं कर पाता है तो मस्तिष्क क्षति की संभावना होती है, लेकिन अच्छे स्कोर का मतलब यह नहीं है कि मस्तिष्क क्षति नहीं है। ऐसे में मस्तिष्क के कामकाज से जुड़ी समस्याएं फिर भी हो सकती हैं।

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क्या बाइडन कराएंगे कॉग्निटिव टेस्ट?

बाइडन किसी भी प्रकार का टेस्ट कराने से इनकार कर चुके हैं। साथ ही उन्होंने डेमोक्रेट सांसदों से नाटक खत्म करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि आगे कैसे बढ़ना है, यह सवाल पिछले एक सप्ताह से खूब चर्चा में है और अब इसे खत्म करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी का एक ही काम है कि नवंबर में रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को हराया जाए।

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अनुराग गुप्ता author

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