आपकी Smartwatch से लेकर मोबाइल और कार तक में होता है सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल, जानें क्या काम आता है
Semiconductor: कोरोना काल और रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के समय भारत सहित दुनियाभर के कई देशों के पहिये सिर्फ एक चिप की वजह से थम गए थे। इस चिप को हम सेमीकंडक्टर चिप या सिलिकॉन चिप के नाम से जानते हैं। भारत में तीन सेमीकंडक्टर के प्लांट खुल रहे हैं। केंद्रीय कैबिनेट ने जिन्हें 2024 की शुरुआत में ही मंजूरी प्रदान कर दी थी तो चलिए समझते हैं कि सेमीकंडक्टर होता क्या है।
सेमीकंडक्टर क्या है
- PM मोदी ने सेमीकॉन इंडिया 2024 का किया उद्घाटन।
- सेमीकंडक्टर का सबसे बड़ा उत्पादक देश है ताइवान।
- कहां-कहां होता है सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल।
Semiconductor: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो मार्ट (India Expo Mart) में सेमीकॉन इंडिया 2024 (Semicon India 2024) का उद्घाटन किया। बता दें कि सेमीकॉन इंडिया 2024 का आयोजन 11 से 13 सितंबर तक किया जा रहा है। इस प्रोग्राम की थीम 'सेमीकंडक्टर थीम को आकार देना' है। तो चलिए ऐसे में समझते हैं कि सेमीकंडक्टर है क्या? और इसका कहां-कहां इस्तेमाल होता है।
क्या है सेमीकंडक्टर?
सेमीकंडक्टर विद्युत धाराओं को नियंत्रित करने वाला पदार्थ होता है। आप लोगों ने यह तो पढ़ा ही है कि जिस किसी चीज से विद्युत का प्रवाह होता है वह सुचालक यानी कंडक्टर कहलाता है और कुछ ऐसी चीजें भी होती है जिनमें विद्युत का प्रवाह बिल्कुल भी नहीं होता है जैसे लकड़ी, रबर इत्यादि। इन्हें इन्सुलेटर या कुचालक कहते हैं, लेकिन सुचालक और कुचालक के बीच के गुण जिनमें पाए जाते हैं वह सेमीकंडक्टर या अर्धचालक कहे जाते हैं। जैसे सिलिकॉन, जर्मेनियन इत्यादि।
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सेमीकंडक्टर के बारे में तो आप लोगों को अब पता चल ही गया होगा, लेकिन अब सेमीकंडक्टर चिप को समझते हैं, क्योंकि महज इसी चिप की कमी की वजह से दुनियाभर का कामकाज धीमा हो गया था। तेज-तर्रार भागती दुनिया में अब हर एक काम तकनीक की मदद से झटपट किया जाने लगा है और तमाम कामों में इस्तेमाल होने वाली मशीनों में सेमीकंडक्टर चिप लगी होती है, कोरोनाकाल में जिसकी कमी से दुनिया जूझ रही थी। आप यूं समझ लीजिए कि सेमीकंडक्टर चिप के बिना कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद नहीं बनाया जा सकता है।
ताइवान में होता है सबसे ज्यादा उत्पादन
कोरोनाकाल में सेमीकंडक्टर की कमी की वजह से दुनियाभर की कई बड़ी कंपनियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था। इसकी वजह भी सिर्फ इतनी थी कि ताइवान सबसे बड़ा सेमीकंडक्टर का उत्पादक देश है और दुनियाभर में सेमीकंडक्टर की सप्लाई करता है। इसका बाजार तो बहुत बड़ा है। आप इसकी कल्पना इसी से लगा सकते हैं कि हाथ में पहनने वाली इलेक्ट्रॉनिक घड़ी से लेकर अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरने वाले रॉकेट तक में सेमीकंडक्टर चिप का इस्तेमाल होता है। ताइवान के अलावा चीन और अमेरिका भी सेमीकंडक्टर की सप्लाई करते हैं।
ऐसे में भारत ने सेमीकंडक्टर उत्पादक देश बनने का सपना देखा, जिसे पूरा करने का जिम्मा पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने अपने कंधों पर उठाया हुआ है।
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कहां खुलेंगे सेमीकंडक्टर प्लांट?
केंद्र सरकार ने देश में तीन सेमीकंडक्टर प्लांट खोलने की मंजूरी प्रदान की हुई है। जिनमें पहला प्लांट गुजरात के धोलेरा, दूसरा प्लांट गुजरात के साणंद और तीसरा प्लांट असम के मोरीगांव में खुलने वाला है। दरअसल, भारत पेट्रोलियम और गोल्ड के बाद इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का सबसे ज्यादा आयात करता है। इसी से आप समझ सकते हैं कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स का एक बहुत बड़ा बाजार है। बकौल रिपोर्ट, भारत में सेमीकंडक्टर की मांग लगभग 24 बिलियन डॉलर का है और ऐसा माना जा रहा है कि 2025 तक बाजार बढ़कर 100 बिलियन डॉलर का हो जाएगा।
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