Blue Moon: सुपरमून तो ठीक था, पर ये ब्लू मून क्या है और कब दिखेगा?

Blue Moon: आसमान में अक्सर कुछ न कुछ अनोखा दिखाई देता है, जिसे देखकर हम और आप आश्चर्यचकित हो जाते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा चंद्रमा हमेशा प्रभावित करता है। ऐसे में एक दुर्लभ नजारा दिखाई देने वाला है। ब्लू मून यह शब्द आप लोगों के लिए नया हो सकता है, पर चंद्रमा के लिए नहीं तो इस दुर्लभ नजारे को देखने के लिए तैयार हो जाइये।

ब्लू मून क्या होता है?

मुख्य बातें
  • आखिरी बार 2023 में दिखा था ब्लू मून।
  • क्या नीले रंग का होता है ब्लू मून?
  • शांति और शीतलता का प्रतीक है चांद।
Blue Moon: चंद्रमाओं के भी अनोखे रंग हैं। आसमान में कभी बेहद चमकीला तो कभी फीका चंद्रमा दिखाई देता है, लेकिन इस बार बेहद अलग दिखाई देगा। ज्योतिष में चंद्रमा को नवग्रहों में शीतलता और शांति का प्रतीक माना जाता है, लेकिन विज्ञान कहता है कि चंद्रमा में तो वायुमंडल ही नहीं है और वहां पर चिलचिलाती गर्मी और हड्डियों को गला देने वाली ठंड पड़ती है, लेकिन आज चंद्रमा के बारे में हम इतनी चर्चा क्यों कर रहे हैं। आपके ज़हन में यह सवाल आना स्वभाविक है। दरअसल, एक बेहद खास खगोलीय घटना होने वाली है, जिसे हम ब्लू मून (Blue Moon) के नाम से जानते हैं।
ब्लू मून शब्द सुनकर तो आप लोगों के ज़हन में एक कहावत घूम रही होगी- Once In a Blue Moon यानी कभी-कभार या शायद ही कभी। खैर, ब्लू मून को समझते हैं। दरअसल, ब्लू मून अपने शब्दों की तरह नीला नहीं होता। आखिरी बार 31 अगस्त, 2023 को आसमान में ब्लू मून देखा गया था। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि ब्लू मून एक दुर्लभ खगोलीय घटना क्यों है।

क्या है ब्लू मून?

चंद्रमा सफेद या कभी कभार पीला या लाल प्रतीत हो सकता है, लेकिन वह नीला नहीं दिखाई देता है। हालांकि, ब्लू मून का तात्पर्य बेहद कम दिखाई देने वाली घटना से है। इसी वजह से चांद की एक दुर्लभ घटना को 'ब्लू मून' कहा जाने लगा। यूं तो ब्लू मून दो तरह के होते हैं।
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