Cloudburst: कैसे और क्यों फटता है बादल? क्या टाली जा सकती है तबाही की यह कुदरती घटना
Cloudburst: उत्तराखंड के पौड़ी व उत्तरकाशी में बादल फटने की वजह से जनजीवन प्रभावित हुआ है। बादल फटने का मतलब है कि एक छोटे क्षेत्र में कम समय पर अत्याधिक बारिश का हो जाना और ऐसी बारिश भयंकर तबाही मचा सकती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, घंटेभर में अगर 10 सेंटीमीटर से ज्यादा बारिश होती है तो इसे बादल का फटना माना जाता है।
क्लाउडबर्स्ट क्या है?
Cloudburst: देश के कुछ हिस्सों में एक ओर भीषण गर्मी का ताडंव जारी है तो दूसरी ओर बंगाल में जल्द ही नया चक्रवात अपनी दस्तक दे सकता है। पर पहाड़ों का हाल बुरा है। उत्तराखंड के पौड़ी व उत्तरकाशी में मूसलाधार बारिश और बादल फटने की घटना दर्ज की गई। जिसकी वजह से जनजीवन प्रभावित हो गया है। आइये यह समझते हैं कि बादल क्यों फटता है? और क्या इस कुदरती तबाही से बचा जा सकता है।
बादल फटने का क्या है अर्थ?
बादल फटने से तात्पर्य मूसलाधार बारिश होने से है। बादल कोई गुब्बारा नहीं है कि वह फट गया। मौसम वैज्ञानिक इसे एक तकनीकी शब्द के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। इसे क्लाउसबर्स्ट (Cloudburst) या फ्लैश फ्लड (Flash Flood) भी कहा जाता है। बादल फटने का मतलब है कि एक छोटे क्षेत्र में कम समय पर अत्याधिक बारिश का हो जाना और ऐसी बारिश भयंकर तबाही मचा सकती है। अमूमन हर साल देश के कोई-न-कोई पहाड़ी राज्यों से बादल फटने की कुदरती घटनाएं सामने आती हैं।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, घंटेभर में अगर 10 सेंटीमीटर से ज्यादा बारिश होती है तो इसे बादल का फटना माना जाता है।
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क्यों फटता है बादल?
बादल फटने की घटना तब होती है जब बहुत ज्यादा नमी वाले बादल एक ही जगह पर एकत्रित हो जाते हैं। ऐसी स्थित में वहां मौजूद पानी की बूंदें आपस में मिल जाती हैं जिसकी वजह से बादल का घनत्व बढ़ जाता है। ऐसी अवस्था में मूसलाधार बारिश शुरू हो जाती है। अगर पहाड़ों की बात की जाए तो पहाड़ हवा को ऊपर की ढकेलती है और हवा गर्म और नमी के साथ बहती है तो जब हवा ऊपर की ओर जाती है तो उसके तापमान में परिवर्तन होता है। जिसकी वजह से बादल बनने और मूसलाधार बारिश होने की संभावना बढ़ जाती है।
पहाड़ों में बादल फटने का एक और कारण है और वह यह है कि बादल जब हवा के साथ आगे बढ़ते हैं तो वह पहाड़ों की ऊंचाई की वजह से वहां पर फंस जाते हैं और बादलों का घनत्व तो पानी की वजह से ज्यादा हो सकता है। ऐसे में उस स्थान पर अत्यधिक बारिश होती है।
बादल फटने से होने वाला नुकसान
- भूस्खलन और कीचड़ (Landslide)
- बाढ़ (Flood)
- अजीविका को भारी नुकसान या जनहानि का खतरा
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क्या टल सकती है बादल फटने की घटना?
कुदरती घटनाओं के सामने वैज्ञानिकों के हाथ भी बंधे होते हैं और बादल फटने की घटना की भविष्यवाणी कर पाना भी कठिन है। ऐसे में एहतियाती कदम जरूर उठाया जा सकता है ताकि तबाही कम से कम हो। अत्यधिक बारिश होने पर बाढ़ का खतरा मड़राने लगता है। ऐसे में बाढ़ के बचने की प्लानिंग होनी चाहिए। साथ ही किसी सुरक्षित स्थान पर जाएं।
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