राजधानी की आबोहवा खराब होते ही लागू हुईं ग्रैप की पाबंदियां; जानिए क्या होता है GRAP?
Delhi Pollution: राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण को देखते हुए क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (GRAP) के दूसरे चरण को लागू कर दिया गया है, जिसके तहत कोयले और लकड़ी जलाने के साथ-साथ डीजल जनरेटर सेट के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि क्षेत्र में वायु गुणवत्ता परिदृश्य की व्यापक समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया।
दिल्ली प्रदूषण
- दिल्ली में ग्रैप का दूसरा चरण लागू।
- डीजल जेनरेटर पर प्रतिबंध लागू।
- नियमों का उल्लंघन करने वालों पर होगी कार्रवाई।
Delhi Pollution: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता के बिगड़ते स्तर के बीच क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (ग्रैप) के दूसरा चरण को लागू कर दिया है। हालांकि, विगत सालों के अनुभवों के आधार पर कहा जा सकता है कि दिल्ली का एक्यूआई अभी और बिगड़ सकता है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और आईआईटी मद्रास के पूर्वानुमान के अनुसार, प्रतिकूल मौसमी और जलवायु परिस्थितियों के कारण आने वाले दिनों में दिल्ली का दैनिक औसत एक्यूआई 'बहुत खराब' श्रेणी (301 से 400 के बीच) में रहने की आशंका है। इस बीच, समझते हैं कि ग्रैप होता क्या है और इसके कितने चरण होते हैं?
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GRAP क्या होता है?
मौसम के ठंडे होते ही राजधानी की आबोहवा बिगड़ने लगती है। आगामी दिनों में तो एक्यूआई के बहुत खराब श्रेणी में रहने का पूर्वानुमान है। ऐसे में ग्रैप का सहारा लिया जाता है। ग्रैप यानी Graded Response Action Plan, जो प्रदूषण की समस्या को रोकने के लिए तत्काल प्रभाव से उठाए जाने वाले एहतियाती कदम होते हैं। हालांकि, सरकार ही ग्रैप लागू करती है और प्रदूषण की समस्या का फौरी निपटान करने के लिए जरूरी प्रतिबंध लगाती है।
ग्रैप के चरण
प्रदूषण के स्तर को देखते हुए ग्रैप को चार चरणों में बांटा गया है। जब AQI 200 से 300 तक होता है तो पहला चरण, 301 से 400 तक में दूसरा चरण, 401 से 450 तक में तीसरा चरण और 450 से ज्यादा होने पर चौथा चरण लागू होता है।
क्रमांक | चरण | प्रदूषण स्तर (AQI) |
1 | पहला | 200 से 300 |
2 | दूसरा | 301 से 400 |
3 | तीसरा | 401 से 450 |
4 | चौथा | 450 से ज्यादा |
दिल्ली में ग्रैप का दूसरा चरण लागू
राजधानी में सोमवार को ग्रैप का दूसरा चरण लागू हो गया जिसके तहत अब 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहन पर पाबंदियां लगाई गई हैं। इसके अतिरिक्त कोयले और लकड़ी जलाने के साथ-साथ डीजल जनरेटर सेट के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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एहतियाती कदम
- बिजली की कटौती नहीं होगी ताकि लोग जेनरेटर का इस्तेमाल नहीं करें।
- वैक्यूम मशीन से सड़कों की होगी सफाई।
- जिन इलाकों में प्रदूषण ज्यादा है, वहां की सड़कों पर पानी का छिड़काव होगा।
- निर्माण स्थलों की जांच होगी।
- पार्किंग फीस में इजाफा होगा ताकि सार्वजनिक परिवहन का लोग इस्तेमाल करें।
- सार्वजनिक परिवहन को और सुचारू बनाया जाएगा।
प्रतिबंध
- कोयले और लड़की के इस्तेमाल पर प्रतिबंध।
- आपात व जरूरी सेवाओं के अलावा डीजल जेनरेटर पर भी पाबंदी।
- पुरानी डीजल और पेट्रोल गाड़ियों पर भी लगा प्रतिबंध।
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