पॉलिटिकल असाइलम क्या है? जिसकी शेख हसीना ने ब्रिटेन से की मांग; जानें कैसे मिलता है

Political Asylum: बांग्लादेश में चौंका देने वाले घटनाक्रम के बाद शेख हसीना ने ब्रिटेन से राजनीतिक शरण मुहैया कराने की अपील की। हालांकि, लंदन ने अभी तक इस मसले पर कोई टिप्पणी नहीं की और किसी को इस बात की भी कोई जानकारी नहीं है कि शेख हसीना को लंदन ने पॉलिटिकल असाइलम नहीं दिया तो वह कहां जाएंगी?

sheikh hasina

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना

मुख्य बातें
  • बांग्लादेश में बिगड़े हालात।
  • शेख हसीना को PM पद से देना पड़ा इस्तीफा।
  • ब्रिटेन से शरण मांग रही शेख हसीना।
Political Asylum: पड़ोसी देश बांग्लादेश में सैन्य तख्तापलट के बाद स्थिति असामान्य बनी हुई है। आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों के चलते शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और सेना ने उन्हें राष्ट्र को संबोधित करने तक का मौका नहीं दिया और उन्हें बांग्लादेश छोड़ना पड़ा। हालांकि, शेख हसीना का सैन्य विमान भारत के हिंडन एयरपोर्ट पर उतरा, जहां पर उन्हें कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रखा गया है। दरअसल, शेख हसीना ने ब्रिटेन से पॉलिटिकल असाइलम यानी राजनीतिक शरण मांगी है, लेकिन अभी तक लंदन ने पॉलिटिकल असाइलम को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है।
क्या ब्रिटेन की कीर स्टॉर्मर सरकार शेख हसीना को राजनीतिक शरण प्रदान करेगी या नहीं? इस पर अभी कोई भी औपचारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, विदेश सचिव डेविड लैमी ने बांग्लादेश में सामान्य स्थिति को बहाल करने की जरूरत बताई है। उन्होंने कहा कि देश में सामान्य स्थिति को बहाल करने के लिए सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है। ऐसे में चलिए समझते हैं कि पॉलिटिकल असाइलम आखिर होता क्या है।

क्या है पॉलिटिकल असाइलम? (What is Political Asylum)

पॉलिटिकल असाइलम, जिसे हिंदी भाषा में राजनीतिक शरण कहा जाता है। इसे आप कुछ इस तरह से समझिए कि किसी एक व्यक्ति को अपने ही देश में खतरा महसूस हो रहा है तो वह किसी अन्य देश से असाइलम मुहैया कराने का अनुरोध कर सकता है। ऐसे में अगर वह देश व्यक्ति को अपने यहां रहने की इजाजत दे देते है तो उसे असाइलम या कहें पॉलिटिकम असाइलम कहा जाएगा।
हालांकि, कोई भी देश असाइलम प्रदान करने के लिए बाध्य नहीं हैं। असाइलम महज मानवता के नाते मुहैया कराई जाने वाली एक सुविधा है। ऐसे कई मामले देखे गए हैं जब देशों ने पॉलिटिकल असाइलम मांगने वाले लोगों को साफ इनकार कर दिया है। रही बात शेख हसीना की तो उनके रिश्ते लंदन से काफी बढ़िया हैं। शेख हसीना की बहन रेहाना ब्रिटिश नागरिक हैं।
बकौल ब्रिटेन सरकार, अगर कोई व्यक्ति शरणार्थी के तौर पर देश में रहना चाहता है तो उसे असाइलम के लिए आवेदन करना होगा। हालांकि, पॉलिटिकल असाइलम का मुद्दा कोई नया नहीं है। 19वीं शताब्दी में कार्ल मार्क्स को ब्रिटेन ने पॉलिटिकल असाइलम मुहैया कराया था।

ब्रिटेन में हो रहे हिंसक प्रदर्शन

शेख हसीना ने भले ही ब्रिटेन से पॉलिटिकल असाइलम की अपील की हो, लेकिन आप लोगों को यह जानलेना चाहिए कि ब्रिटेन के हालात शरणार्थियों को लेकर अच्छे नहीं है। हाल ही में तीन बच्चियों की धारदार हथियार से हत्या के बाद धुर दक्षिणपंथी संगठनों ने होटलों, मस्जिदों और दुकानों को निशाना बनाया है। उन होटलों तक को नहीं छोड़ा गया, जहां पर शरणार्थी ठहरे हुए हैं।
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अनुराग गुप्ता author

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