Surya Tilak: क्या होता है 'सूर्य तिलक', अयोध्या में रामलला की मूर्ति पर कब और कैसे होगा तिलक? समझिए पूरा सिस्टम
Surya Tilak: देश भर में आज धूमधाम से रामनवमी मनाई जा रही है। भगवान श्रीराम के दर्शन मात्र के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु अयोध्या आते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि रामनवमी का दिन राम मंदिर के लिए बेहद खास होगा जिसकी एक वजह सूर्य तिलक भी है। दोपहर 12 बजे रामलला के माथे पर सूर्य तिलक होगा।

सूर्य तिलक
Surya Tilak: देश भर में आज धूमधाम से रामनवमी मनाई जा रही है। अयोध्या में भव्य रामनवमी समारोह के लिए खास तैयारी की गई है। आज भगवान रामलला का सूर्य तिलक होने वाला है। दोपहर 12 बजे रामलला के माथे पर सूर्य तिलक होगा। ऐसे में 20-30 लाख श्रद्धालुओं के आज अयोध्या पहुंचने की संभावना है जिसको लेकर प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात व्यवस्था की चाक-चौबंद व्यवस्था की है। पुलिस महानिरीक्षक (IG) अयोध्या रेंज प्रवीण कुमार ने बताया कि अयोध्या को अलग-अलग जोन और सेक्टर में बांटा गया है।
भगवान श्रीराम के दर्शन मात्र के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु अयोध्या आते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि रामनवमी का दिन राम मंदिर के लिए बेहद खास होगा जिसकी एक वजह सूर्य तिलक भी है तो चलिए विस्तार से समझते हैं कि सूर्य तिलक होता क्या है और सूर्य तिलक कब और कैसे किया जाएगा।
क्या होता है सूर्य तिलक?
सूर्य तिलक एक धार्मिक और प्रतीकात्मक परंपरा है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, त्रेता युग में जन्में भगवान श्रीराम सूर्यवंशी थे, इसलिए उन्हें सूर्य तिलक दिए जाने की परंपरा है। इस दौरान सूर्य देव स्वयं भगवान राम के मस्तक पर सूर्य तिलक करते हैं। इसे भगवान श्रीराम के प्रति आस्था और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है।
यह भी पढ़ें: 'वतन प्रेम योजना' से बदल रही गुजरात के गांवों की तस्वीर, प्रवासी भारतीयों के योगदान से हो रहा विकास
राम मंदिर में एक ऐसा सिस्टम तैयार किया गया है जिसकी बदौलत मंदिर के शिखर से सूर्य किरण को गर्म ग्रह में मौजूद रामलला की प्रतिमा तक लाया जाता है और यही सूर्य किरण रामलला की प्रतिमा के ललाट पर सूर्य तिलक लगाती हैं या फिर चरणवंदना करती हैं।
आसान भाषा में कहें तो रामनवमी वाले दिन सूर्य की किरणें सीधे रामलला के ललाट पर पड़ेंगी जिसके जरिए उनका सूर्य तिलक होगा। मंदिर निर्माण के समय सूर्य तिलक का पूरा सिस्टम तैयार किया गया।
कब होगा सूर्य तिलक
रामनवमी के मौके पर दोपहर 12 बजे गर्भ ग्रह में मौजूद रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक होगा जिसे देखने वालों का अयोध्या में आज तांता लग सकता है। उम्मीद है कि 20-30 लाख श्रद्धालु रामलला के दर्शन करेंगे।
कैसे तैयार हुआ सूर्य तिलक का सिस्टम?
मंदिर निर्माण के समय 3 दर्पणों का इस्तेमाल किया गया। पहला दर्पण मंदिर के शिखर पर मौजूद है। जैसे ही दोपहर 12 बजे इस पर सूर्य की किरणें पड़ती हैं तो उन्हें 90 डिग्री रिफ्लेक्ट कर एक पाइप की मदद से दूसरे दर्पण तक लाया गया और उसे फिर पीतल के पाइप की मदद से तीसरे दर्पण तक पहुंचाया जाता है। इसके बाद ही सूर्य किरणें रामलला के ललाट पर पड़ती हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। नॉलेज (Knowledge News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। खबरों की पड़ताल करना इनकी आदतों में शुमार हैं और यह टाइम्स नाउ नवभारत की वेबसाइट क...और देखें

पाताल में बैठे दुश्मन का भी काम तमाम; US ने ईरान पर फेंका 'हुकुम का इक्का'; सैटेलाइट तस्वीरों में दिखी तबाही

क्या है यूरेनियम संवर्धन और परमामु बम बनाने में कैसे होता है इसका इस्तेमाल? जिसकी वजह से ईरान पर मंडरा रहा खतरा

ईरान को बर्बादी की कगार पर ले आई परमाणु बम की चाहत; पर किन देशों के पास हैं कितने न्यूक्लियर वेपन? देखें ताजा लिस्ट

सुरक्षा ही नहीं, धार्मिक कारणों से भी बनाए जाते हैं नो फ्लाइंग जोन, जानें क्यों कुछ क्षेत्रों में उड़ान भरने की अनुमति नहीं होती

कौन थीं राजमाता जीजाबाई? जिनकी छत्रछाया में छत्रपति शिवाजी महाराज ने महान योद्धा बनकर रचा इतिहास?
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited