Cyclone Vs Tornado: टोरनेडो और साइक्लोन में क्या है बुनियादी फर्क? कितनी रफ्तार से चलती है हवा

Cyclone Vs Tornado: चक्रवात और टोरनेडो के दोनों ही मौसमी घटनाएं हैं, लेकिन दोनों के बीच काफी फर्क है। चक्रवात जहां तटीय इलाके में आता है, जबकि टोरनेडो का सीधा संबंध जमीनी सतह से है। अगर पूर्वानुमान की बात की जाए तो चक्रवात आने वाला है। मौसम विशेषज्ञ इसकी भविष्यवाणी पहले ही कर देते हैं, लेकिन टोरनेडो के संबंध में ऐसा नहीं होता है।

Cyclone Vs Tornado.

साइक्लोन और टोरनेडो में क्या है अंतर?

Cyclone Vs Tornado: बंगाल की खाड़ी में कम दबाव वाला क्षेत्र बनने की वजह से चक्रवात (Cyclone) बनने की संभावना जताई जा रही है। बीते साल मिचौंग, मोचा और बिपरजॉय जैसे चक्रवातों का सामना करना पड़ा था। अमूमन हर साल ही अलग-अलग समय पर चक्रवात की सूचना मिलती रहती है, लेकिन एक और प्राकृतिक घटना है जिसके बारे में बहुत ज्यादा सुनने को मिलता है। यह कुछ और नहीं, बल्कि टोरनेडो (Tornado) है।

टोरनेडो से अमेरिका आहत है। बीते दिनों पश्चिमी आयोवा में आए टोरनेडो की वजह से कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और 36 लोग घायल हो गए। टेरनेडो ने कुछ ही घंटों में पूरे शहर को तहस नहस कर दिया। कई इमारतें ढह गईं, 60 हजार से ज्यादा घरों की बिजली ठप हो गई और पेड़-पौधे उखड़ गए। इसके अलावा वाहनों के तो परखच्चे उड़ गए। टोरनेडो की तबाही देखते हुए आपताकाल घोषित कर दिया गया।

चक्रवात और टोरनेडो दोनों ही भीषण तबाही मचा सकते हैं और जान-माल का भी नुकसान झेलना पड़ता है। हालांकि, दोनों अलग-अलग प्राकृतिक घटनाएं हैं। ऐसे में हम आपको चक्रवात और टोरनेडो के बीच का असल फर्क बताएंगे।

क्या है चक्रवात? (What is Cyclone)

चक्रवात जिसे साइक्लोन भी कहा जाता है। यह पानी की सतह पर उठने वाला तूफान होता है। ऐसा तूफान तटीय राज्यों में देखने को मिलता है। हाल ही में बंगाल की खाड़ी में ऐसे ही एक तूफान के बनने की संभावना बताई जा रही है। जब चक्रवात की बात आती है तो दो शब्द और सुनाई देते हैं। एक हरिकेन और दूसरा टायफून।

  • हरिकेन- अटलांटिक महासागर में उठने वाला तूफान हरिकेन है।
  • टायफून- प्रशांत महासागर में अक्सर इस तूफान को उठता हुआ देखा गया है।

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टोरनेडो क्या है? (What is Tornado)

जमीन की सतह पर उठने वाले टोरनेडो में हवाओं की रफ्तार बेहद तीव्र होती है और यह घेरा बनाकर चलती हैं। इसके दायरे में आई तमाम चीजों को यह उड़ा ले जाता है। अमेरिका के उत्तरी हिस्से से अक्सर टोरनेडो की खबरें आती रहती हैं। टोरनेडो उत्तरी अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया जैसे इलाको में आम है।

टोरनेडो का असर बहुत व्यापक तो नहीं होता, लेकिन जहां पर टोरनेडो आता है वहां पर सबकुछ अस्त व्यस्त हो जाता है। यह देखने में यह बिल्कुल टनल की तरह लगता है और हवाओं का एक घेरा गोल-गोल घूमता हुआ दिखाई देगा।

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चक्रवात और टोरनेडो में क्या है अंतर?

  • चक्रवात की तुलना में टोरनेडो छोटे होते हैं, लेकिन हवा की रफ्तार बिल्कुल विपरीत होती है। आसान भाषा में समझें तो टोरनेडो की हवा 300 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ज्यादा हो सकती है, जबकि चक्रवात की रफ्तार 300 किमी प्रतिघंटे से कम होती हैं।
  • मौसम वैज्ञानिक कुछ दिन पहले ही चक्रवात का पूर्वानुमान लगा लेते हैं, लेकिन टोरनेडो के बारे में कम समय में ही पता चलता है।
  • चक्रवात अक्सर तटीय इलाकों में आता है, जबकि टोरनेडो जमीनी सतह के आसपास देखने को मिलता है।
  • चक्रवात का असर हफ्तों तक देखने मिल सकता है, यह कोई तात्कालिक तूफान नहीं है कि आया और गया। वहीं, टोरनेडो कुछ मिनटों से लेकर घंटों तक में समाप्त हो जाता है।
  • चक्रवात का असर व्यापक होता है, जबकि टोरनेडो का असर आमतौर पर कुछ किमी तक ही होता है।

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अनुराग गुप्ता author

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