अपलोड और डाउनलोड में क्या फर्क है? जानें इंटरनेट स्पीड पर कैसे पड़ता है इसका असर

What is Uploading-Downloading: क्या आप जानते हैं कि डाउनलोडिंग और अपलोडिंग में क्या फर्क होता है? दरअसल, हम इंटरनेट के लिए जो शब्द सबसे ज्यादा सुनते हैं वो हैं-अपलोड (Uplaod) या डाउनलोड (Downlaod)। अपलोडिंग और डाउनलोडिंग की मदद से डेटा को ट्रांसमिट किया जाता है। चलिए इसे आसान भाषा में समझते हैं।

Uploading-Downloading

Uploading-Downloading

Uploading-Downloading: स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के दौर में हर कोई इंटरनेट का इस्तेमाल करता है। आप ने भी कभी न कभी इंटरनेट का इस्तेमाल किया ही होगा। इंटरनेट पर हम दो शब्द- अपलोड और डाउनलोड के सुनते हैं। जैसे कि हम सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट करते हैं या व्हाट्सएप से कोई फोटो सेव करते हैं। इन सभी कामों के लिए हम या तो अपलोडिंग या डाउनलोडिंग का उपयोग करते हैं। ऐसे में इन दोनों (Upload-Download) के बीच अंतर जानना जरूरी हो जाता है। यहां हम अपलोडिंग और डाउनलोडिंग के बारे में विस्तार से समझेंगे।

Uploading क्या होती है?

अपलोडिंग का मतलब है किसी नेटवर्क के माध्यम से डेटा को एक कंप्यूटर सिस्टम से दूसरे कंप्यूटर सिस्टम में ट्रांसमिट करना। यानी किसी फाइल को कहीं भेजना अपलोड करना कहलाता है। आसान शब्दों में कहें तो यदि आप अपने डिवाइस से इंटरनेट पर कोई फाइल, डॉक्यूमेंट या फोटो भेजते हैं तो इसे हम अपलोडिंग कहते हैं। जैसे आप जब इंस्ट्राग्राम या फेसबुक पर फोटो पोस्ट करते हैं तो इसे अपलोडिंग कहा जाएगा।

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Downloading क्या होती है?

डाउनलोडिंग को अपलोडिंग का उल्टा कहा जा सकता है। यानी इसमें दूसरे कंप्यूटर सिस्टम, आपके कंप्यूटर में डाटा ट्रांसमिट किया जाता है। आसान भाषा में कहें तो जब आप इंटरनेट से कोई फाइल अपने फोन, लैपटॉप या कंप्यूटर में सेव करते हैं तो इसे डाउनलोडिंग कहा जाएगा। यानी डाउनलोडिंग में डेटा सर्वर से सिस्टम पर प्राप्त होता है, जबकि अपलोडिंग में डेटा सिस्टम से सर्वर या इंटरनेट पर ट्रांसमिट किया जाता है।

अपलोडिंग और डाउनलोडिंग दोनों ही इंटरनेट के एक्शन हैं। दस प्वाइंट में समझें फर्क।
    एक्शन टाइप: अपलोडिंग, जानकारी को इंटरनेट पर अपने सिस्टम से सर्वर या अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम पर भेजना है, जबकि डाउनलोडिंग में सर्वर या ऑपरेटिंग सिस्टम से जानकारी को अपने सिस्टम पर प्राप्त करना है।

  • डायरेक्शन: अपलोडिंग एक दिशा में होता है (सिस्टम से सर्वर की ओर), जबकि डाउनलोडिंग दूसरी दिशा में होता है (सर्वर से सिस्टम की ओर)।
  • मेथड: अपलोडिंग के लिए जितनी भी जानकारी है, वह नया होता है, जबकि डाउनलोडिंग में वह पहले से ही मौजूद होता है।
  • यूजर एक्सपीरियंस: अपलोडिंग के दौरान यूजर्स जानकारी को साझा करता है, जबकि डाउनलोडिंग के दौरान वह जानकारी को प्राप्त करता है।
  • समय: अपलोडिंग में जानकारी को सर्वर पर भेजने में ज्यादा समय लगता है, जबकि डाउनलोडिंग में जानकारी को प्राप्त करने में थोड़ा कम समय लगता है। यानी इंटरनेट की बात करें तो अपलोडिंग स्पीड, डाउनलोडिंग स्पीड से कम होती है।
  • लोकेशन: अपलोडिंग स्थानीय सिस्टम से कमर्शियल सर्वर तक होता है, जबकि डाउनलोडिंग सर्वर से लोकल सिस्टम तक होता है।
  • बैंडविड्थ: अपलोडिंग में बैंडविड्थ यूजर्स के द्वारा होता है, जबकि डाउनलोडिंग में सर्वर के द्वारा होता है।
  • सिक्योरिटी: अपलोडिंग आमतौर पर डाटा की सुरक्षा को लेकर कम चिंता करता है, जबकि डाउनलोडिंग में सुरक्षा ज्यादा महत्वपूर्ण हो सकती है।
  • उपयोग: अपलोडिंग जानकारी को साझा करने के लिए किया जाता है, जबकि डाउनलोडिंग जानकारी को प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
  • प्रोटोकॉल: अपलोडिंग के लिए आमतौर पर FTP (File Transfer Protocol) या HTTP (HyperText Transfer Protocol) का उपयोग किया जाता है, जबकि डाउनलोडिंग के लिए आमतौर पर HTTP, FTP, या बिटटोरेंट जैसे प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता है।
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    Vishal Mathel author

    विशाल मैथिल, टाइम्स नाउ नवभारत ( Timesnowhindi.com) में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर नवंबर 2023 से जुड़ें हैं। इससे पहले वह दैनिक भास्कर, अमर उजाला मध्यप्रद...और देखें

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