Sarna Dharam Code: क्या है सरना धर्म कोड? क्यों लंबे समय से चल रही लागू करने की मांग
Sarna Dharam Code: सरना धर्म को मानने वाले जल, जंगल और जमीन की पूजा करते हैं। आसान शब्दों में कहें तो यह प्रकृति प्रेमी होते हैं। झारखंड में रहने वाले आदिवासी समुदाय के लोग सरना धर्म का पालन करते हैं और यह लोग प्रकृति की पूजा करते हैं। लंबे समय से आदिवासी समुदाय के लोग सरना धर्म कोड की मांग कर रहे हैं।
सरना धर्म कोड क्या है?
Sarna Dharam Code: लोकसभा चुनाव अब अपने अंतिम चरण में है और तमाम राजनीतिक दलों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इस चुनावी शोर के बीच में 'सरना धर्म कोड' की मांग भी सुनाई देने लगी। कहा जा रहा है कि सालों से सरना को मानने वाले झारखंड के आदिवासी समुदाय भारत में अपनी विशिष्ट धार्मिक पहचान को आधिकारिक मान्यता दिए जाने की मांग कर रहे हैं। आपको इन बातों से यह तो समझ आ गया होता कि सरना धर्म कोड आदिवासी समुदाय से जुड़ा हुआ है, लेकिन यह है क्या? और इसे लागू करने की मांग क्यों उठ रही है?
क्या है सरना धर्म?
आदिवासी समुदायों द्वारा पालन किया जाने वाला एक प्रचीन धर्म है। इसमें आदिवासी समुदाय के लोग किसी मूर्ति की नहीं, बल्कि प्रकृति की पूजा करते हैं और यह प्रकृति प्रेमी होते हैं। ऐसा माना जाता है कि आदिवासी कोई धर्म नहीं, बल्कि एक जीवन पद्धति है। झारखंड, बिहार, ओडिशा, बंगाल और छत्तीसगढ़ में मुख्यरूप से आदिवासी समुदायों के लोग इसका पालन करते हैं।
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लंबे समय से आदिवासी समुदाय के लोग सरना धर्म कोड की मांग कर रहे हैं और हाल ही में उनकी यह मांग तेज हुई है। ऐसा कहा जाता है कि सरना धर्म जाति, लिंग, वर्ग का भेदभाव नहीं करता है। यह सभी को एक नजर से देखते हैं और एक-दूसरे का खासा सम्मान करते हैं।
सरना धर्म कोड की मांग?
आदिवासी समुदाय की मांग है कि भारत में होने वाली जनगणना में अन्य समुदायों के धर्मों की तरह सरना धर्म का भी कॉलम बनाया जाए। जब आदिवासी समुदाय के लोग फॉर्म भरें तो वह उस फॉर्म में सरना धर्म का उल्लेख कर सकें। जिस प्रकार दूसरे धर्म के लोग फॉर्म में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई इत्यादि का चयन करते हैं।
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आदिवासी समुदाय का एक बड़ा हिस्सा सरना धर्म को मानता है। यह लोग पेड़, पौधे, नदी सहित अन्य प्राकृतिक संसाधनों की पूजा करते हैं। झारखंड में सरना धर्म को मानने वाले अच्छी खासी तादाद में हैं। साल 2020 में झारखंड विधानसभा में सर्वसम्मति के साथ सरना धर्म कोड को लागू करने की मांग वाला प्रस्ताव पास हो चुका है और उसे केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था।
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