टाइप Ia सुपरनोवा क्या है? क्यों चर्चा में है NGC 3810 गैलेक्सी; तस्वीरों से समझें

NASA Image: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने NGC 3810 आकाशगंगा की तस्वीर साझा की। यह एक प्रकार की स्पाइरल आकाशगंगा है, जिसके केंद्र के थोड़ा नीचे एक अलग तरह का सुपरनोवा दिखाई दे रहा है। इस खास सुपरनोवा को 'टाइप Ia सुपरनोवा' कहा जाता है। अंतरिक्ष प्रेमियों को यह तस्वीर मंत्रमुग्ध कर रही है।

galaxy NGC 3810

गैलेक्सी एनजीसी 3810 (फोटो साभार: NASAHubble)

मुख्य बातें
  • हबल स्पेस टेलीस्कोप ने कैप्चर की तस्वीर
  • सुपरनोवा NGC 3810 आकाशगंगा में दिख रहा है।
  • आकाशगंगा लगभग 50 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर है।

NASA Image: खगोलविद सुदूर अंतरिक्ष का लगातार अध्ययन कर रहे हैं। आकाशगंगाओं के बारे में न सिर्फ खुद की बल्कि, अंतरिक्ष प्रेमियों की समझ को भी विकसित कर रहे हैं। आपको बता दें कि आकाशगंगाओं जैसी खगोलीय वस्तुओं की दूरी तय करना बेहद मुश्किल और महत्वपूर्ण काम है, लेकिन हबल स्पेस टेलीस्कोप की मदद से चीजें आसान हुई हैं।

हाल ही में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने हबल स्पेस टेलीस्कोप द्वारा कैप्चर की गई स्पाइरल आकाशगंगा की तस्वीर शेयर की है। इस आकाशगंगा के केंद्र के थोड़ा नीचे एक अलग तरह का सुपरनोवा दिखाई दे रहा है। दरअसल, यह 'टाइप Ia सुपरनोवा' है।

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क्या है 'टाइप Ia सुपरनोवा'?

ब्रह्मांड में होने वाली एक शानदार आतिशबाजी को सुपरनोवा कहते हैं, लेकिन 'टाइप Ia सुपरनोवा' क्या है चलिए इसे समझते हैं। दरअसल, जब एक सफेद बौने तारे में विस्फोट होता है और उसकी अधिकतम चमक जस की तस बनी रहे तो वह 'टाइप Ia सुपरनोवा' कहलाता है। तस्वीर में टाइप Ia सुपरनोवा SN2022zut है, जो आकाशगंगा के केंद्र से थोड़ा नीचे एक बिंदु के समान दिखाई दे रहा है।

खगोलविदों ने NGC 3810 आकाशगंगा में मौजूद 'टाइप Ia सुपरनोवा' को कैप्चर किया। इसकी मदद से दूरी मापी जाएगी। आसान भाषा में कहें तो ब्रह्मांड में मौजूद किसी वस्तुओं की दूरी मापने के लिए एक पर्याप्त या कहें तय स्थान को आधार बनाया जाता है।

कैप्चर किए गए 'टाइप Ia सुपरनोवा' की रोशनी थोड़ी कमजोर दिखाई दे रही है, क्योंकि आसपास मौजूद धूल चमक को फीका कर रही है। ऐसे में खगोलविद हबल और सुपरनोवा के बीच कितनी धूल मौजूद है? इत्यादि की गहन जांच कर सकते हैं।

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कहां है NGC 3810 आकाशगंगा

NGC 3810 आकाशगंगा पृथ्वी से लगभग 50 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर है। यह एक स्पाइरल आकाशगंगा है। इसके केंद्र से बड़ी सर्पिल भुजाएं घूमती हुई बाहर आ रही हैं। सर्पिल भुजाओं के तारे हल्के नीचे रंग में चमक रहे हैं, लेकिन गहरे लाल रंग की धूल रोशनी को फीका कर रही है। यह तस्वीर यूरोपीय स्पेस एजेंसी और नासा ने हबल की मदद से कैप्चर की है।

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अनुराग गुप्ता author

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