Whip: संसदीय भाषा में व्हिप का क्या है मतलब? पार्टियां क्यों करती हैं जारी

Whip: संसदीय प्रणाली में अक्सर एक शब्द सुनाई देता है जिसे हम व्हिप के नाम से जानते हैं। हाल ही में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी कांग्रेस ने अपनी पार्टी के सदस्यों को व्हिप जारी किया है। ऐसे में आज समझते हैं कि व्हिप होता क्या है और इसे जारी करने की शक्तियां किसके पास होती हैं।

व्हिप क्या है?

मुख्य बातें
  • हर एक राजनीतिक दल अपने सदस्यों को व्हिप जारी कर सकती है।
  • व्हिप को सचेतक भी कहा जाता है।
  • अमूमन व्हिप तीन तरह के होते हैं।

Whip: संसद का सत्र चल रहा है और आज लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होने वाला है। ऐसे में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों को संसद में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया है। अक्सर यह शब्द सुनाई देता है, लेकिन क्या आप इसके बारे में जानते हैं? तो चलिए समझते हैं कि संसदीय भाषा में व्हिप का क्या मतलब होता है।

तीन लाइन का व्हिप

भाजपा और कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। हालांकि, संसदीय प्रणाली में व्हिप कोई नया शब्द नहीं है। यह भी ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली से आया है। व्हिप जारी करने का असल उद्देश्य सांसदों या विधायकों को क्रॉस वोटिंग करने से रोकना है। इसके जरिए पार्टी के सभी सांसदों को एकजुट किया जाता है।

क्या है व्हिप?

व्हिप को सचेतक भी कहा जाता है। हर राजनीतिक दल एक व्यक्ति को व्हिप जारी करने के लिए नियुक्त करती है, जिसे मुख्य सचेतक कहा जाता है। इसे मुख्य व्हिप भी कहते हैं। राजनीतिक दल व्हिप जारी कर पार्टी सांसदों या विधायकों को सदन में उपस्थित रहने का निर्देश देती हैं। इसके जरिए यह भी बताया जाता है कि आपको किसे मतदान करना है। यह जारी होते हैं सांसद या विधायक बंध जाते हैं और वह इसका उल्लंघन नहीं कर सकते हैं।

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