चांद के सुदूरवर्ती इलाके में क्या है? 'चांग ई-6' मिशन के नमूनों से मिले सुराग
Chang'e-6 Moon Mission: चीन के 'चांग ई-6' मिशन द्वारा के सुदूरवर्ती हिस्से से लाए गए चंद्र नमूनों से वैज्ञानिकों को अहम सुराग मिले है। वैज्ञानिकों ने एक शोधपत्र के जरिए इसके बारे में विस्तार से समझाया है। बकौल शोधपत्र, 'चांग ई-6' मिट्टी के नमूनों का घनत्व चंद्रमा के अन्य हिस्सों से प्राप्त नमूनों की तुलना में कम है।
चीन लूनर मिशन
मुख्य बातें
- 'चांग ई-6' मिशन के जरिए लाए गए थे चंद्र नमूने।
- सुदूरवर्ती हिस्से से एकत्रित किए गए नमूनों का हुआ परीक्षण।
- परीक्षण के नतीजे देखकर हैरान हैं वैज्ञानिक।
Chang'e-6 Moon Mission: चीन के 'चांग ई-6' मिशन द्वारा चंद्रमा के सुदूरवर्ती हिस्से से वापस लाये गये चंद्र नमूनों में पहले प्राप्त चंद्र नमूनों की तुलना में कुछ 'विशेषताएं' नजर आ रही हैं। वैज्ञानिकों द्वारा प्रकाशित एक शोधपत्र में यह जानकारी दी गई है। चीन के वैज्ञानिकों की एक टीम ने मंगलवार को चंद्रमा के सुदूरवर्ती हिस्से से प्राप्त नमूनों पर प्रकाशित अपने पहले शोध पत्र में कहा कि 'चांग ई-6' मिट्टी के नमूनों का घनत्व चंद्रमा के अन्य हिस्सों से प्राप्त नमूनों की तुलना में कम है।
एक-दूसरे से अलग हैं नमूने
'चांग ई-6' नमूनों में 'प्लेजियोक्लेज' की मात्रा 'चांग ई-5' नमूनों की तुलना में काफी अधिक है ,जबकि उनकी 'ओलिवाइन' की मात्रा काफी कम है। 'प्लेजियोक्लेज' पृथ्वी की पपड़ी में सबसे आम और प्रचुर खनिज समूह है। 'ओलिवाइन' एक हरी चट्टान बनाने वाला खनिज है,जो मुख्य रूप से गहरे रंग की आग्नेय चट्टानों में पाया जाता है।
अध्ययन से यह भी पता चला कि 'चांग ई-6' के पाषाण खंड के नमूने मुख्य रूप से बेसाल्ट, ब्रेक्सिया, एग्लूटिनेट, ग्लासेस और ल्यूकोक्रेट से बने हैं।
नमूनों में है काफी भिन्नता
सरकारी समाचार एजेंसी 'शिन्हुआ' की खबर के अनुसार,'चांग ई-6' चंद्र नमूनों के भू-रासायनिक विश्लेषण से पता चला है कि उनमें थोरियम, यूरेनियम और पोटेशियम जैसे सूक्ष्म तत्वों की सांद्रता अपोलो मिशन और चांग ई-5 मिशन द्वारा प्राप्त नमूनों से काफी भिन्न है।
चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (CNSA) के अनुसार, इस वर्ष मई में चीन ने पहली बार चंद्रमा के सुदूरवर्ती हिस्से से नमूने एकत्र करने और उन्हें वैज्ञानिक अध्ययन के लिए पृथ्वी पर लाने के लिए 53 दिवसीय चंद्र अन्वेषण मिशन शुरू किया था, जो मानव चंद्र अन्वेषण के इतिहास में अपनी तरह का पहला अभियान था।
चीन का 'चांग ई-6' मिशन
'चांग ई-6' में चार घटक शामिल हैं जिनमें एक ऑर्बिटर, एक लैंडर, एक एसेंडर और एक मॉड्यूल शामिल हैं। 'चांग ई-6' यान जून में चंद्रमा के सुदूर हिस्से से 1,935.3 ग्राम नमूने लेकर आया था। यह अध्ययन चीनी विज्ञान अकादमी की राष्ट्रीय खगोलीय वेधशालाओं, चंद्र अन्वेषण एवं अंतरिक्ष इंजीनियरिंग केंद्र तथा बीजिंग अंतरिक्ष यान प्रणाली इंजीनियरिंग संस्थान के सदस्यों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
यह भी पढ़ें: तारों से वंचित हो रही रहस्यमयी आकाशगंगा; 'ब्रह्मांडीय दैत्य' के चलते नहीं हो रहा जन्म; वैज्ञानिक हैरान
चांद की मिट्टी में पानी के अणु मौजूद
चीन के वैज्ञानिकों ने इस साल जुलाई में 2020 में चीन के 'चांग ई-5' मिशन द्वारा लाए गए चंद्रमा के मिट्टी के नमूनों का अध्ययन करते हुए चंद्रमा की मिट्टी में पानी के अणु पाये थे। चीन की विज्ञान अकादमी (CAS) के अनुसार, 2020 में चीन के 'चांग ई-5' मिशन द्वारा लाये गये चंद्र मिट्टी के नमूनों के आधार पर चीनी वैज्ञानिकों ने आणविक जल से 'समृद्ध' एक हाइड्रेटेड खनिज पाया है।
भारत के चंद्रयान-1 अंतरिक्ष यान ने 2009 में चंद्रमा के सूर्यप्रकाश वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन और हाइड्रोजन अणुओं के रूप में हाइड्रेटेड खनिजों के संकेत पाये थे।
(इनपुट: भाषा)
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | नॉलेज (knowledge News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
End of Article
अनुराग गुप्ता author
टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। खबरों की पड़ताल करना इनकी आदतों ...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited