साल के आखिरी माह इन मेटियोर शॉवर से जगमग होगा आसमान, जानें कब और कहां दिखेगी उल्का बरसात
Meteor Shower 2024: मेटियोर शॉवर या उल्का बरसात एक खगोलीय घटना है। दरअसल, जब पृथ्वी के वायुमंडल में कोई धूमकेतु या एस्टेरॉयड के छोटे मलबे दाखिल होते हैं तो उल्का बरसात होती है। ऐसी ही कुछ रोचक खगोलीय घटनाएं दिसंबर में होने वाली हैं जिसकी बदौलत रात के समय आसमान रोशन होगा।
मेटियोर शॉवर 2024
- खुली आंखों से देख सकेंगे दिलकश नजारा।
- उत्तरी गोलार्ध से दिखेगी उल्का बरसात।
- एस्टेरॉयड या धूमकेतु के मलबे से होती है बरसात।
Meteor Shower 2024: कड़कड़ाती ठंड के बीच साल 2024 विदा लेने के लिए तैयार है, लेकिन उससे पहले आसमान में जमकर आतिशबाजी होगी और खगोलीय घटनाओं की बदौलत नए साल के जश्न जैसा माहौल होगा। रात के समय आसमान में एक के बाद एक 'उल्का' दिखाई देंगे। यूं तो पुरानी लोककथाओं में उल्काओं या कहें उल्का बौछार को 'टूटते तारे' का नाम दिया गया है और तभी से इनके प्रति लोगों की दिलचस्पी भी बढ़ी है, क्योंकि ऐसा कहा जाता रहा है कि टूटते हुए तारे आपके दिल की पुकार को सुनते हैं। खैर इसमें कितनी सच्चाई है यह तो हम नहीं बता सकते, लेकिन हम दिसंबर में होने वाली तमाम उल्का बरसात के बारे में आपको जानकारी जरूर देंगे।
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कौन-कौन सी उल्का बरसात होंगी?
- जेमिनिड मेटियोर शॉवर (Geminids Meteor Shower 2024)
- उर्सिड्स मेटियोग शॉवर (Ursids Meteor Shower 2024)
जेमिनिड मेटियोर शॉवर 2024
जेमिनिड मेटियोर शॉवर दिसंबर के माह में दिखाई देने वाली एक खगोलीय घटना है जिसकी बदौलत आसमान एकदम दमकेगा। हालांकि, इस बार पूर्णिमा की वजह से आसमान ज्यादा तो रोशन नहीं होगा, पर फिर भी दिलकश नजारा दिखाई देगा।
कब होगा जेमिनिड मेटियोर शॉवर?
जेमिनिड मेटियोर शॉवर 19 नवंबर से 24 दिसंबर के बीच होगा, लेकिन 13 और 14 दिसंबर की रात को उल्का बारिश अपने चरम पर होगी। जेमिनिट मेटियोर शावर का सबसे शानदार नजारा उत्तरी गोलार्ध से दिखाई देगा, लेकिन इसे दक्षिणी गोलार्ध से भी देखा जा सकता है। बता दें कि इस मीटियोर शॉवर के लिए 3200 फेथॉन नामक एक एस्टेरॉयड जिम्मेदार है।
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उर्सिड्स मेटियोर शॉवर 2024
उर्सिड्स मेटियोर शॉवर सालाना 17 से 24 दिसंबर के बीच होता है, लेकिन 23 दिसंबर की रात को उल्का बौछार अपने चरम पर होगी। उत्तरी गोलार्ध में इस मेटियोर शॉवर का दिलकश नजारा दिखाई देगा। हालांकि, जेमिनिड मेटियोर शॉवर की तुलना में कम उल्काएं दिखाई देंगी। बता दें कि उर्सिड्स तारामंडल की ओर प्रति घंटे संभवत: 5 से 10 उल्काएं दिखाई दे सकती है।
उर्सिड्स मेटियोर शॉवर के लिए 8P/टटल धूमकेतु जिम्मेदार है जिसकी खोज 9 जनवरी, 1790 में पियरे मेचेन ने फ्रांस की राजधानी पेरिस से की थी।
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