लोकसभा में कौन थे पहले LoP? कैसे होता है विपक्ष के नेता का चयन

Leader of Opposition: लोकसभा चुनाव में कम से कम 10 फीसदी सीट जीतने वाली पार्टी विपक्षी भूमिका निभा सकती है। आप इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि सत्तापक्ष का विरोध करने वाली पार्टियों में से जो कम से कम 10 फीसदी या फिर इससे ज्यादा सीटें हासिल की होगी उस पार्टी के पास विपक्ष की भूमिका होगी।

नेता प्रतिपक्ष

Leader of Opposition: लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक बार फिर से राजग (NDA) सरकार गठित हो गई और फिर तमाम मंत्रियों ने अपने मंत्रालयों और विभागों की जिम्मेदारी भी संभाल ली। अब बारी है लोकसभा में होने वाली पहली बैठक की।
इस बैठक में सभी की निगाहें लोकसभा में विपक्ष के नेता यानी नेता प्रतिपक्ष पर टिकी रहेंगी कि आखिर इस बार यह जिम्मेदारी कौन संभालता है, क्योंकि नियमों के मुताबिक, पिछले 10 साल से यह पद खाली था। हालांकि, दूसरी बड़ी पार्टी होने की वजह से कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया था, लेकिन कांग्रेस के पास उतनी सीटें नहीं थीं जितनी इस पद के लिए कम से कम चाहिए होती हैं।

नेता प्रतिपक्ष का चयन (Leader of Opposition)

लोकसभा चुनाव में कम से कम 10 फीसदी सीट जीतने वाली पार्टी विपक्षी भूमिका निभा सकती है। आप इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि सत्तापक्ष का विरोध करने वाली पार्टियों में से जो कम से कम 10 फीसदी या फिर इससे ज्यादा सीटें हासिल की होगी उस पार्टी के पास विपक्ष की भूमिका होगी।
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