विपक्ष में कौन सी पार्टी बैठेगी? कैसे होता है तय; जान लें नियम

Leader of Opposition: लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार संपन्न हो चुका है। अब सरकार के गठन की बारी है। अगर 'राजग' सरकार बनाती है तो इंडी गठबंधन में शामिल कौन से दल को लोकसभा में विपक्षी दल की भूमिका मिलेगी और कैसे विपक्ष का नेता चुना जाएगा? आज यह समझते हैं।

Leader of Opposition.

नेता प्रतिपक्ष कौन होता है?

Leader of Opposition: लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं और 'राजग' की सीटें भले ही कम हुई हो, लेकिन सरकार बनाने का हौसला उनके पास जरूर है। हालांकि, सरकार का गठन कब होगा? इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन अंदरखाने से कई तारीख सामने आ रही है। खैर, सरकार की बात तो सभी कर रहे हैं, पर क्या आपको पता है कि विपक्ष में कौन सी पार्टी बैठेगी? यह कैसे तय किया जाता है? अगर 'राजग' सरकार बनाती है तो इंडी गठबंधन में शामिल कौन से दल को लोकसभा में विपक्षी दल की भूमिका मिलेगी और कैसे विपक्ष का नेता चुना जाएगा? आज इसी पर विस्तार से बात करेंगे।

लोकतंत्र के मंदिर में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की भूमिकाएं होती हैं, लेकिन 17वीं लोकसभा में विपक्षी के नेता को सुरक्षित करने के लिए किसी भी दल के पास पर्याप्त सीटें नहीं थी, वो बात अलग है कि कांग्रेस को दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने की वजह से विपक्ष की भूमिका दी गई और अधीर रंजन चौधरी को विपक्ष का नेता बनाया गया।

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विपक्षी दल को लेकर क्या कहते हैं नियम?

विपक्ष को आप सत्तापक्ष का विरोधी भी कह सकते हैं। विपक्ष में वही दल बैठ सकता है जिसके पास सदन की कुल संख्या का कम से कम 10 फीसदी हिस्सा हो। यानी चुनाव में कम से कम 10 फीसदी सीटने वाली पार्टी विपक्ष की भूमिका निभा सकती है। ऐसे में विपक्षी दल अपने किसी एक नेता को सर्वसम्मति के साथ चुनता है, जिसे विपक्षी दल का नेता या नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition) कहा जाता है।

बता दें कि संसद के दोनों सदनों के साथ ही विधानसभा के लिए भी यही नियम हैं। साल 1977 में संसद के दोनों सदनों में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका को वैधानिक मान्यता दी गई थी।

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किस दल को मिल सकता है यह दर्जा?

लोकसभा की 543 सीटों के लिए चुनाव संपन्न हो चुके हैं और नतीजे भी सामने आ गए। एक बार फिर से भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि कांग्रेस का पिछले आम चुनाव की तुलना में प्रदर्शन बेहद शानदार रहा। भाजपा के हिस्से में 240 सीटें आई हैं, जबकि कांग्रेस दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और कांग्रेस ने 99 सीटों पर कब्जा किया।

अगर भाजपा नीति राजग की बात करें तो उन्हें 293, जबकि विपक्षी दलों के इंडी गठबंधन 234 सीटें मिली हैं। ऐसे में अगर भाजपा सरकार बनाती है तो कांग्रेस विपक्ष की भूमिका में दिख सकती है।

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अनुराग गुप्ता author

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