क्या दुनिया में चल रही घटनाओं से बचा रहेगा अंटार्कटिका? वैज्ञानिक तलाश कर रहे नया रास्ता!

Antarctica: वर्ष 2020-21 की गर्मियों में (दिसंबर से फरवरी तक) अंटार्कटिक पर्यटन अनिवार्य रूप से बंद हो गया। उस अवधि में केवल 15 पर्यटकों ने अंटार्कटिक की यात्रा की। वे सभी दक्षिण अमेरिका से नौकाओं पर सवार होकर आए थे। महामारी और विशेष रूप से इसकी वजह से किए गए शोध ने हमें शिक्षा जगत में मौजूदा असमानताओं के बारे में और अधिक जागरूक बना दिया है, जो वैश्विक व्यवधानों और महामारी जैसे संकटों से और भी बढ़ जाती हैं।

अंटार्कटिका महाद्वीप

Antarctica: कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि अंटार्कटिका महाद्वीप का अलगाव इसे दुनिया के बाकी हिस्सों की घटनाओं से बचा नहीं सकता है। अंटार्कटिका लंबे समय से अलग नियमों द्वारा संचालित होता है और इसे भूराजनीति की उथल-पुथल से अलग एक जगह के रूप में देखा जाता है।

महाद्वीप की दूरी, अलगाव और तीव्र (कभी बहुत ज्यादा तो कभी बहुत कम) वातावरण इसका एक कारण है, लेकिन यह योजना के मुताबिक भी है: 1959 की अंटार्कटिक संधि में घोषित किया गया कि इस क्षेत्र का उपयोग केवल वैज्ञानिक अनुसंधान और शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।

अंटार्कटिका में बढ़ रही रुचि

शीत युद्ध के चरम पर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड अमेरिका और सोवियत संघ दोनों के साथ मूल 12 हस्ताक्षरकर्ताओं में से थे । आज 56 राज्य इस संधि के पक्षकार हैं और उस मकसद को लेकर दबाव बढ़ रहा है, क्योंकि राजनीति, प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन और अन्य कारकों ने अंटार्कटिका में रुचि और भागीदारी बढ़ा दी है। वैश्विक महामारी कोविड के फैलने (2020 में) के साथ यह स्पष्ट हो गया कि अंटार्कटिका अब दुनिया के बाकी हिस्सों से इतना अलग नहीं है।

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