यात्रियों को आसमान में क्यों रुका हुआ महसूस होता है विमान? क्या है इसके पीछे का विज्ञान
Flight Secrets: आप लोगों ने जब कभी विमान में सफर किया होगा तो आपको पता होगा कि टेक ऑफ और लैंडिंग का यात्रियों को पूरा अहसास होता है, लेकिन आसमान में कई बार ऐसा प्रतीत होता है कि विमान ठहर सा गया है। आखिर इसके पीछे का कौन सा विज्ञान काम करता है।
फ्लाइट के रहस्य
Flight Secrets: आप लोगों ने जब कभी विमान में सफर किया होगा तो आपको पता होगा कि टेक ऑफ और लैंडिंग का यात्रियों को पूरा अहसास होता है, लेकिन आसमान में जब वह अपने तय रूट पर आगे बढ़ता है तो ऐसा महसूस होता है कि मानों विमान स्थिर हो गया। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या सच में विमान हवा में ठहर जाता है तो इसका जवाब है नहीं। हवा में विमान रुकता नहीं, बल्कि 500-600 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से फर्राटा मारता है।
क्या है इसके पीछे का विज्ञान
विमान के भीतर बैठे हुए व्यक्ति को बाहर किसी प्रकार की हलचल का न दिखाई देना ही इसकी असल वजह है। दरअसल, विमान की पूरी प्रक्रिया में भौतिक विज्ञान का सिद्धांत लागू होता है। विमान में उड़ते समय हमारे आसपास कोई दृश्य या संदर्भ बिंदु नहीं दिखता है, जिसकी वजह से गति का अनुभव कम हो जाता है और स्पीड शून्य लगती है।
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गति की तुलना
विमान जब हवा में फर्राटा मारकर उड़ान भर रहा होता है तो बाहर सिर्फ कभी न समाप्त होने वाला नीला आसमान दिखाई देता है। ऐसे में गति की तुलना नहीं हो पाती और न ही कोई संदर्भ बिंदु दिखता है। इसी वजह से कई बार यात्रियों को विमान रुका हुआ महसूस होता है।
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शांत हवा में स्थिर गति से विमान के उड़ान भरने पर यात्रियों को ऐसा लगता है कि वे बिल्कुल भी नहीं हिल रहे हैं। इसकी वजह से गति का भ्रम पैदा हो सकता है। हालांकि, कुछ यात्रियों पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी पड़ सकता है। कुछ यात्रियों को बंद जगहों का डर होता है। ऐसे में उन्हें विमान में फंसा हुआ महसूस होता है और ऐसा प्रतीत हो सकता है कि विमान रुका हुआ है।
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