हमारी आकाशगंगा की पड़ोसी एंड्रोमेडा से होगी टक्कर? चौंका रहीं ये बातें
Milky Way Collision: मिल्की वे की पड़ोस में स्थित एक बड़ी आकाशगंगा से टक्कर हो सकती है। खगोलविदों ने काफी समय पहले टकराव की भविष्यवाणी की थी और लंबी समय से इसको लेकर बहस छिड़ी हुई है। समय-समय पर कई तरह के तथ्य पेश किए जाते हैं। कुछ वक्त पहले हुए अध्ययन में टकराव की संभावना को 50-50 पर रखा गया था।
मिल्की-वे एंड्रोमेडा टकराव
मुख्य बातें
- टकराव की राह पर है मिल्की वे और एंड्रोमेडा।
- पृथ्वी से 25 लाख प्रकाश वर्ष दूर है एंड्रोमेडा।
Milky Way Collision: मिल्की वे आकाशगंगा में स्थित सौरमंडल के एक ग्रह पृथ्वी में आप और हम रहते हैं, लेकिन इस आकाशगंगा को लेकर बीच-बीच में एक डरा देने वाला दावा किया जाता है कि यह अपनी पड़ोसी आकाशगंगा से टकरा जाएगी। खगोलविद लंबे समय से यह मानते आए हैं कि हमारी घरेलू मिल्की वे आकाशगंगा की अगले 5 अरब सालों में पड़ोसी एंड्रोमेडा आकाशगंगा से टक्कर होगी।
स्पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, मिल्की वे और एंड्रोमेडा आकाशगंगा को लेकर कम से कम अगले 10 अरब वर्षों को लेकर एक संभावना जताई गई है। एक सिमुलेशन से पता चला है कि अगले 10 अरब वर्षों में इस टकराव की संभावना एक सिक्के के उछाल पर निर्भर करती है। फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के खगोल जीवविज्ञानी मनस्वी लिंगम का कहना है कि टकराव की संभावना कम हो गई है, लेकिन समाप्त नहीं हुई है।
एंड्रोमेडा आकाशगंगा
पृथ्वी से लगभग 25 लाख प्रकाश वर्ष दूर स्थित एंड्रोमेडा आकाशगंगा, जिसे मेसियर 31 भी कहा जाता है, मिल्की वे की पड़ोस की एक बड़ी आकाशगंगा है। एंड्रोमेडा से निकलने वाले प्रकाश से इसकी गति का अध्ययन कर खगोलविदों ने पहली बार 1912 में भविष्यवाणी की थी कि 110 किमी प्रति सेकंड की दर से आगे बढ़ रही एंड्रोमेडा आकाशगंगा मिल्की वे से टकराने की राह पर है।
हालांकि, बाद के अध्ययनों ने दावा किया कि दोनों आकाशगंगाएं आमने-सामने से टकराएंगी और एकल अंडाकार आकाशगंगा में विलीन हो जाएंगी, जिसे 'मिल्कोमेडा' नाम दिया गया।
6 से 10 अरब साल पहले विलय की घटनाएं आम थीं और हमारी अपनी आकाशगंगा में भी विलय के अवशेष मौजूद हैं। अगस्त 2024 में सामने आए एक अध्ययन के मुताबिक, दोनों आकाशगंगाओं के बीच टकराव न होने की संभावनाएं भी 50 फीसद हैं। साथ ही यह भी कहा गया कि अगर दोनों के बीच टकराव नहीं हुआ तो संभवत: दोनों आकाशगंगा एक-दूसरे के नजदीक से गुजर सकती हैं।
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फिनलैंड में हेलसिंकी विश्वविद्यालय के खगोलविद टिल सवाला के नेतृत्व में यह अध्ययन किया गया था। खगोलविदों ने गैया और हब्बल स्पेस टेलीस्कोपों द्वारा एकत्रित किए गए डेटा पर काम किया, जिसमें मिल्की वे और एंड्रोमेडा के साथ-साथ कई अन्य आकाशगंगाएं भी मौजूद रहीं।
बकौल रिपोर्ट, खगोलविदों की भविष्यवाणी के मुताबिक, अगर अरबों साल बाद दोनों आकाशगंगाएं टकराती हैं तो हमारा सौरमंडल छिटककर नई विलय वाली आकाशगंगा की बाहरी भुजाओं में से पहुंच जाएगा। अंतरिक्ष में फेंके गए तारे पूंछ छोड़ जाएंगे और बादलों में फंसी गैस और धूल से तारों का निर्माण शुरू हो जाएगा।
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अनुराग गुप्ता author
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