मेघा बरसेंगे या नहीं? इन संकेतों से चलता है पता; बारिश होने पर जानें प्रकृति में होते हैं कौन से बदलाव
Rainfall: देशभर में मानूसनी बारिश का दौर जारी है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और असम में हुई मूसलाधार बारिश के चलते जनजीवन असामान्य है। असम में तो सीधेतौर पर 25 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। ऐसे में चलिए समझते हैं कि बारिश होगी या नहीं? इसके बारे में कैसे जानकारी मिल सकती है।
मानसूनी बारिश
मुख्य बातें
- बिजली कड़कने के साथ घने और काले बादल का दिखना
- हद से ज्यादा ह्यूमिडिटी और हवा के बहाव में परिवर्तन
- कीड़ों की संख्या में अत्यधिक इजाफा होना
Rainfall: भीषण गर्मी के बाद जब मानसून दस्तक देता है तो माहौल खुशनुमा हो जाता है और धीरे-धीरे बारिश दुनियाभर की तमाम समस्याओं को हरने लगती है। हालांकि, कई बार जरूरत से ज्यादा बारिश बाढ़ की वजह भी बनती है।
देश के कई हिस्सों में बारिश की वजह से मौसम सुहाना हो गया है तो पूर्वोत्तर का असम बाढ़ का प्रकोप सह रहा है। कई प्रमुख नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं और बाढ़ से करीब 25 लाख लोग प्रभावित हैं। असम के अलावा उत्तराखंड और हिमाचल में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है।
- बारिश खुशियों तो लेकर आती ही है, लेकिन अगर विकराल रूप धारण कर लें तो कई लोगों के आशियाने छिन जाते हैं। ऐसे में समझते हैं कि बारिश होने पर प्रकृति में क्या-क्या बदलाव होते हैं।
- बारिश की वजह से तापमान में गिरावट दर्ज होती है और गर्म मौसम धीरे-धीरे ठंडा होने लगता है।
- बारिश सूखाग्रस्त क्षेत्र के लिए जीवनदायनी के समान है। बारिश से जल स्तर में वृद्धि होती है, जिससे झीलों, तालाबों और नदियों की रौनक लौट आती है।
- बारिश के बाद मिट्टी की खुशबू वातावरण में फैल जाती है।
मूसलाधार बारिश से बना रहता है खतरा
लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से बाढ़ और मिट्टी के कटाव का खतरा बना रहता है। अमूमन असम हर साल ही बाढ़ का प्रकोप सहता है, जबकि मूसलाधार बारिश के चलते मिट्टी का कटाव भी हो सकता है। इसके अतिरिक्त बारिश की वजह से बिजली गिरने या कड़कने का खतरा बना रहता है।
मानसूनी बारिश
तस्वीर साभार : iStock
बारिश होगी या नहीं?
अक्सर लोग यह सोचते हैं कि बारिश होगी या नहीं? इसे समझना इतना भी मुश्किल नहीं है। आप लोगों को महज कुछ संकेतों पर ध्यान देने की जरूरत है। दरअसल, ह्यूमिडिटी से लेकर काले घने बादलों के साथ ठंडी हवा जैसी घटनाएं मौसम का मिजाज बताने लगती हैं।
- काले घने बादलों का दिखना
- बिजली चमकना
- ह्यूमिडिटी में बढ़ोतरी
- हवा का रुख अचानक बदल जाना
- कीड़ों की अत्यधिक सक्रियता
हालांकि, मौसम विज्ञान विभाग लगातार भविष्यवाणी करता रहता है, जिसके माध्यम से भविष्य में होने वाली बारिश, ह्यूमिडिटी, तूफान इत्यादि के बारे में जानकारी मिलती है। इसके अतिरिक्त मौसम विभाग से जुड़े कई तरह के मोबाइल एप भी मौजूद हैं, जिनकी मदद से पूर्वानुमान से जुड़ा हुआ अपडेट प्राप्त किया जा सकता है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | नॉलेज (knowledge News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
End of Article
अनुराग गुप्ता author
टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। खबरों की पड़ताल करना इनकी आदतों ...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited