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Abbas Tabish Shayari: मैं भी तन्हा हूं बहुत कोई तुम्हारा भी नहीं.., सीधे दिल पर दस्तक देते हैं अब्बास ताबिश के ये चुनिंदा शेर

Abbas Tabish Shayari: उर्दू के मशहूर शायर अब्बास ताबिश का जन्म 15 जून, 1961 को पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था। वह लाहौर के विख्यात गवर्नमेंट कॉलेज में पढ़ाते भी हैं। उन्होंने ना सिर्फ़ मोहब्बत के रंग को अपनी कलम से बयां किया बल्कि अपनी गज़लों के ज़रिए बेबाकी से समाज और जीवन के हर पहलू पर अपने दिल की बात लिखी।

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Abbas Tabish Shayari in Hindi (अब्बास ताबिश की शायरी)

Abbas Tabish Shayari: अब्बास ताबिश पाकिस्तान के मशहूर शायर और मुशायरों के मक़बूल नाम हैं। उन्हें पाकिस्तान का शायर कहना थोड़ा गलत होगा, क्योंकि उनके नग़मों पर तो पूरी दुनिया झूमती है। इंसानी जज्बात के शायद ही कोई ऐसे रंग हो जिसको स्याही बनाकर अब्बास ताबिश ने नज्म ना लिखी हो। मोहब्बत हो या फिर जुदाई, खुशी हो या फिर गम, दोस्ती हो या फिर रंजिश, हर एहसास को बेहद करीने से अब्बास ताबिश ने शेर-ओ-शायरी की शक्ल दी। उन्होंने अपनी गज़लों के ज़रिए बेबाकी से समाज और जीवन के हर पहलू पर अपने दिल की बात लिखी। आइए पढ़ते हैं अब्बास की कलम से निकले चंद मशहूर शेर:

Abbas Tabish Shayari in Hindi | Abbas Tabish Famous Shayari

1. वर्ना कोई कब गालियाँ देता है किसी को

ये उस का करम है कि तुझे याद रहा मैं

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