बल्ली मारां से दरीबे तलक, तेरी मेरी कहानी दिल्ली में.., आखिर क्या है कजरारे-कजरारे की लाइन का मतलब, गुलज़ार ने क्यों लिखा ऐसा

Gulzar's Kajrare Song Meaning in Hindi: 'कजरारे कजरारे' गीत फिल्म बंटी और बबली का है। फिल्म आई थी साल 2005 में। गीत के बोल लिखे थे हिंदुस्तान के अजीम गीतकार गुलज़ार साहब ने। संगीत से सजाया था शंकर एहसान लॉय की तिकड़ी ने। कजरारे कजरारे को फिल्माया गया था ऐश्वर्या राय, अभिषेक बच्चन और अमिताभ बच्चन पर। इस गीत को आए 20 साल बीत चुके हैं लेकिन इसे जब सुनो तब नया सा लगता है।

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Kajrare Kajrare Songs Lyrics Meaning in Hindi

Kajrare Kajrare Song Lyrics Meaning in Hindi: संगीत ऐसी चीज है जिसके बारे में जितना कहा जाए उतना कम है। संगीत ना सिर्फ लोगों को जोड़ने का काम करता है बल्कि उदास मन को सुकून के दो पल भी मुहैया कराता है। कई लोगों के लिए संगीत तनाव को दूर रखने का जरिया है तो कुछ इसे अपने रोज की दिनचर्या का हिस्सा बना चुके हैं। संगीत आपको किसी और ही दुनिया में ले जाता है। इस सृष्टि के निर्माण के साथ ही संगीत का जन्म हुआ। सृष्टि के कण-कण में संगीत है। जब कोई नवजात पैदा होता है तो उसके रोने में भी संगीत है और जब कोई इस दुनिया से रुखसत होता है तो उस वक्त के आंसुओं में भी संगीत है। आधुनिक भारत की बात करें तो संगीत भारतीय फिल्मों का बेहद जरूरी हिस्सा बन चुका है। फिल्मी संगीत का बड़ा कारोबार है। इस कारोबार में कुछ गीत लोगों की जुबान पर ऐसे चढ़ जाते हैं कि उसकी सदा दूर तक आती है। ऐसा ही एक गीत है कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना जिसे लोगों ने खूब पसंद किया।

यह गीत फिल्म बंटी और बबली का है। फिल्म आई थी साल 2005 में। गीत के बोल लिखे थे हिंदुस्तान के अजीम गीतकार गुलज़ार साहब ने। संगीत से सजाया था शंकर एहसान लॉय की तिकड़ी ने। कजरारे कजरारे को फिल्माया गया था ऐश्वर्या राय, अभिषेक बच्चन और अमिताभ बच्चन पर। इस गीत को आए 20 साल बीत चुके हैं लेकिन इसे जब सुनो तब नया सा लगता है। इस गीत में गुलजार ने ऐसे ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया है जो सुनने में तो खूब मीठे लगते हैं लेकिन उनका मतलब बहुत कम लोगों को ही पता होगा। इस गीत के अंतरे में बेहद खूबसूरत पंक्ति है:

बल्ली मारां से दरीबे तलक, तेरी मेरी कहानी दिल्ली में...

गुलज़ार इस पंक्ति में क्या कहना चाह रहे हैं और आखिर इस पंक्ति का मतलब क्या है। आइए जानें:

दिल्ली के लिए गुलज़ार का प्रेम किसी से छिपा नहीं है। उनकी ना जाने कितनी ही नज्मों में दिल्ली के एहसास को बेहद खूबसूरत शब्दों से सजाया गया है। इस गाने में भी दिल्ली के लिए उनका इश्क नजर आता है। दरअसल बल्ली मारां पुरानी दिल्ली की वो खास जगह है जहां पर हिंदुस्तान के सबसे बड़े शायर मिर्ज़ा ग़ालिब का जन्म हुआ। जी हां बल्ली मारां इलाके के गली कासिम में मिर्जा गालिब जन्मे थे। इसी तरह से दरीबे कलां भी पुरानी दिल्ली का एक इलाका है। गुलज़ार ने यूं ही नहीं दिल्ली के इन दो इलाकों को अपने गीत में इस्तेमाल कर लिया है।

मामला ये है कि बल्ली मारां पुरानी दिल्ली का एक छोर है तो वहीं दरीबे कलां दूसरा छोर। तो गीत के जरिये गुलज़ार कहते हैं -

तुझसे मिलना पुरानी दिल्ली में..छोड़ आए निशानी दिल्ली में

बल्ली मारां से दरीबे तलक, तेरी मेरी कहानी दिल्ली में

मतलब ये है कि पुरानी दिल्ली बल्ली मारां से दरीबे कलां तक है। और हमारी प्रेम कहानी बल्ली मारां से दरीबे तलक यानी पूरी दिल्ली में मशहूर है। इसको और आसान भाषा में समझा जाए तो अगर हमें ये कहना हो कि फलानी चीज पूरे भारत में मशहूर है तो हम कहते हैं ना कि ये चीज तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक मशहूर है। उसी तरह से गुलज़ार ने उस प्रेम कहानी को पूरी दिल्ली में मशहूर होने के लिए बल्ली मारां से दरीबे तलक का इस्तेमाल किया है। उम्मीद करते हैं अब आपके इस प्यारी सी पंक्ति का मतलब समझ आ गया होगा।

अब बात करें इस गाने के मुखड़े कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना की तो यह ब्रज के एक लोकगीत से प्रेरित है। यहां भगवान कृष्ण के काले नैनों को कजरारे कहा जा रहा है। गुलज़ार ने कृष्ण की कजरारी आंखों को नायिका की खूबसूरती के लिए इस्तेमाल किया है।

इसी गीत में एक गुलज़ार आगे लिखते हैं:

सुरमे से लिखे तेरे वादे, आंखों की ज़बानी आते हैं।

यह लाइन भी सुनने में खूब अच्छी है लेकिन इसका मतलब भी कम लोगों को पता होगा। दरअसल शायरी में अकसर दिल को आंखों के साथ कनेक्ट किया जाता है। क्योंकि हमारे दिल में इतनी सारी बातें होती हैं कि उन्हें जुबान से नहीं बोला जा सकता है, लेकिन ये जो आंखें होती हैं वो पूरा हाले दिल बयां कर देती हैं। अगर हमारे लब झूठ बोलें तो भी आंखें सच्चाई बयां कर देती हैं। कोई आंखों में झांक कर देखे तो सबकुछ सच-सच पढ़ सकता है। आंखें हमारे दिल की किताब होती हैं। और अगर दिल को किताब माना जाए तो सुरमा उस किताब की लिखावट के लिए इस्तेमाल होता है। अब आप लाख छिपाएं कि आपके दिल में क्या है लेकिन सुरमे की लिखावट आंखों के रास्ते सामने वाले तक पहुंच ही जाएंगी। इसीलिए गुलज़ार ने लिखा- सुरमे से लिखे तेरे वादे आंखों की ज़बानी आते हैं।

अब बात इस गीत के उस लाइन की जहां गुलज़ार लिखते हैं -

आजा टूटे ना टूटे ना अंगड़ाई

हो मेरी अंगड़ाई ना टूटे तू आजा

यहां अंगड़ाई को गुलज़ार साहब ने बतौर मेटाफर इस्तेमाल किया है। उनके शब्दों के जरिए गीत की नायिका कह रही है कि मैं तुम्हारे प्यार का हसीन ख्वाब देख रही हूं। ऐसा ना हो कि नींद खुल जाए और यह सपना अधूरा ही रह जाए। इसीलिए वह नायक से कहती है कि आजा टूटे ना अंगड़ाई। मतलब कि इस ख्वाब के खत्म होने से पहले आ जाओ और मेरे प्यार को मुकम्मल कर दो। नीचे पढ़ें कजरारे कजरारे गीते के पूरे बोल:

Kajrare Kajrare Song Lyrics in Hindi text

ऐसी नज़र से देखा उस ज़ालिम ने चौक पर

हमनें कलेजा रख दिया चाकू की नौक पर

बवाल हो गया...

रायता फैल गया...

मेरा चैन वैन सब उजड़ा

ज़ालिम नज़र हटा ले

मेरा चैन वैन सब उजड़ा

ज़ालिम नज़र हटा ले

बर्बाद हो रहे हैं जी... बर्बाद हो रहे हैं जी तेरे अपने शहर वाले

मेरा चैन वैन सब उजड़ा

ज़ालिम नज़र हटा ले

बर्बाद हो रहे हैं जी तेरे अपने शहर वाले

मेरी अंगड़ाई ना टूटे तू आजा

मेरी, अंगड़ाई, ना टूटे, तू आजा...

कजरा रे... कजरा रे कजरा रे तेरे कारे कारे नैना

कजरा रे कजरा रे तेरे कारे कारे नैना

हो कजरा रे कजरा रे तेरे कारे कारे नैना

हो कजरा रे कजरा रे तेरे कारे कारे नैना

हो मेरे नैना मेरे नैना मेरे नैना जुड़वां नैना

हो कजरा रे कजरा रे तेरे कारे कारे नैना

सुरमें से लिखे तेरे वादे, आँखों की ज़बानी आते हैं

मेरे रूमालों पे लब तेरे, बांध के निशानी जाते हैं

हो तेरी बातों में किमाम की खुशबू हैं

हो तेरा आना भी गर्मियों की लू हैं

हो तेरी बातों में किमाम की खुशबू हैं

हो तेरा आना भी गर्मियों की लू हैं

आजा टूटे ना टूटे ना अंगड़ाई

हो मेरी अंगड़ाई ना टूटे तू आजा...

हो मेरी अंगड़ाई, ना टूटे, तू आजा

कजरा रे... कजरा रे कजरा रे तेरे कारे कारे नैना

कजरा रे कजरा रे तेरे कारे कारे नैना

हो कजरा रे कजरा रे तेरे कारे कारे नैना

हो कजरा रे कजरा रे तेरे कारे कारे नैना

हो मेरे नैना मेरे नैना मेरे नैना चुपके रहना

हो कजरा रे कजरा रे तेरे कारे कारे नैना

आँखें भी कमाल करती हैं

पर्सनल से सवाल करती हैं

पलकों को उठाती भी नहीं हूँ, परदे का ख्याल करती हैं

हो मेरा ग़म तो किसी से भी छुपता नहीं

दर्द होता है दर्द जब चुभता नहीं

हो मेरा ग़म तो किसी से भी छुपता नहीं

दर्द होता है दर्द जब चुभता नहीं

आजा टूटे ना टूटे ना अंगड़ाई

हो मेरी अंगड़ाई ना टूटे तू आजा

मेरी अंगड़ाई, ना टूटे, तू आजा...

कजरा रे... कजरा रे कजरा रे तेरे कारे कारे नैना

कजरा रे कजरा रे तेरे कारे कारे नैना

हो कजरा रे कजरा रे तेरे कारे कारे नैना

हो कजरा रे कजरा रे तेरे कारे कारे नैना

हो तेरे नैना तेरे नैना हम पे टस्ते हे तेरे नैना

हो कजरा रे कजरा रे मेरे कारे कारे नैना

हो तुझसे मिलना पुरानी दिल्ली में

छोड़ आये निशानी दिल्ली में

पल निमाना से दरी बेतलब

तेरी मेरी कहानी दिल्ली में

काली कमाली वाले हो याद करते

तेरे काले काले नैनों की क़सम खाते हैं

तेरे काले काले नैनों के बनाये हैं रूह

तेरे काले काले नैनों को दुवाए हैं रूह

मेरी जान उदास हैं होठों पे प्यास हैं

आजा रे आजा रे आजा रे

हो तेरी बातों में किमाम की खुशबू हैं

हो तेरा आना भी गर्मियों की लू है

हो तेरी बातों में किमाम की खुशबू हैं

हो तेरा आना भी गर्मियों की लू है

हो मेरी अंगड़ाई ना टूटे तू आजा

मेरी, अंगड़ाई, ना टूटे, तू आजा...

कजरा रे... कजरा रे कजरा रे तेरे कारे कारे नैना

कजरा रे कजरा रे तेरे कारे कारे नैना

हो तेरे नैना तेरे नैना तेरे नैना जुड़वां है ना

तेरे नैना तेरे नैना तेरे नैना जुड़वां नैना

हो तेरे नैना तेरे नैना तेरे नैना चुपके रहना

तेरे नैना तेरे नैना तेरे नैना चुपके रहना

हो कजरा रे कजरा रे तेरे कारे कारे नैना

कजरा रे कजरा रे तेरे कारे कारे नैना

कारे कारे...

कारे कारे...

कारे कारे...

कारे कारे नैना

कजरा रे कजरा रे मेरे कारे कारे नैना

गुलज़ार ने अपने इस गीत के जरिए इश्क, इल्तिजा, चाहत और रुसवाई का ऐसा कोलाज सजाया है कि सुनने वाले बस उसी में खो कर रह जाता है। तभी 20 साल भी इस गीत की ताजगी ठंड के किसी अलसाई सुबह में चिनार के पत्तों पर पड़े ओस की तरह ताज़ा नज़र आती हैं। यह इस गीत का जादू ही था जो लोगों के सिर चढ़कर बोला तो ना जाने कितने ही संगीत के सम्मान इसकी झोली में आ गिरे। तो इस तरह गुलज़ार ने अपने एक और अमर गीत से अपने चाहने और सुनने वालों को एक बेहतरीन तोहफा दिया है।

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Suneet Singh author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया के रहने वाला हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में म...और देखें

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