Happy April Fool's Day 2023: 1 अप्रैल को ही क्यों मनाते हैं मूर्ख दिवस, बहुत दिलचस्प और मजेदार है अप्रैल फूल का इतिहास

Happy April Fool's Day 2023: देश और दुनिया में 1 अप्रैल को हैप्पी अप्रैल फूल्स डे यानी की मूर्ख दिवस मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और अन्य करीबियों के साथ मिलकर खूब मजाक मस्ती करते हैं। जाने 1 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है अप्रैल फूल डे और इससे जुड़ी अन्य रोचक और मजेदार कहानियां, जिन्हें जानकर आप लोट-पोट हो जाएंगे।

April Fools day 2023 history, origin and significance

Happy April Fool's Day 2023: मजाक-मस्ती, प्रैंक्स और लोट पोट कर हंसने हंसाने का दिन हर साल 1 अप्रैल को देश और दुनिया में बड़े चांव से मनाया जाता है। हर साल लोग अपने दोस्तों, रिश्तेदारों, कॉलेज, ऑफिस के लोगों और अन्य करीबियों के ऊपर मजेदार प्रैंक्स (Pranks) खेलते हैं और उनका मजाक उड़ाते हुए जमकर एन्जॉय करते हैं। हंसी मजाक से लबरेज इस दिन का बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सबको बहुत ही ज्यादा बेसब्री से इंतजार रहता है। इंतजार ही नहीं लोग तो बहुत पहले से ही अपने दोस्तों, करीबियों को उल्लू बनाने का मजेदार प्लान बना लेते हैं।

अप्रैल फूल वाले दिन कई देशों में नेशनल छुट्टी भी होती है, हालांकि भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है मगर फिर भी देश भर में अप्रैल फूल का बहुत क्रेज रहता है। आपने भी जरूर ही किसी न किसी को कभी न कभी अप्रैल फूल तो बनाया ही होगा, या आप खुद भी किसी के मजाकिया जाल में फंसे ही होंगे। अगर नहीं तो कल यानी की अप्रैल फूल वाले दिन किसी के साथ बेहतरीन मजाक करके हंसी में नदी में गोता जरूर लगाकर आएं। अब बढ़िया मजाक-मस्ती से भरा अप्रैल फूल सेलिब्रेट करने का मन तो बना लिया, लेकिन क्या कभी ये सोचा है कि आखिर किसी का मजाक उड़ाने या मूर्ख बनाने वाले इस दिन की शुरुआत आखिर हुई तो हुई कहां से? कब और किसने सबसे पहली बार अपने जानने वाले को उल्लू बनाया होगा? जाने आखिर 1 तारीख को ही अप्रैल फूल डे क्यों मनाया जाता है, तथा इसकी शुरुआत होने के पीछे क्या कारण और रोचक कहानी है।

April Fools Day History, क्या है अप्रैल फूल डे का इतिहासमूर्ख दिवस मनाने की शुरुआत दुनिया भर में किस सदी में हुई थी, इस बात का कोई पुख्ता सबूत नहीं है। हालांकि अक्सर अनुमान लगाए जाते हैं कि, अप्रैल फूल को पहली बार 15वीं से 16वीं शताब्दी के बीच में यूनाइटेड किंगडम में मनाया गया था। भारत में अप्रैल फूल की शुरुआत 19वीं सदी में हुई थी, और तब से ही भारत में इस दिन को बड़े चाव और मजे से सेलिब्रेट किया जाता है। भारत और यूके के साथ साथ फ्रांस, इटली, जर्मनी, यूक्रेन, ग्रीस, आयरलैंड, पोलैंड, लेबनान, इरान, तुर्की, इज़राइल आदि जैसे देश भी अप्रैल फूल्स डे का लुत्फ उठाते हैं।

कहां से हुई अप्रैल फूल की शुरुआत, April Fools Day 2023 Originकहानियों की माने तो अप्रैल फूल डे कि शुरुआत 1381 में इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी ऐनी द्वारा की गई थी। जानकारों के मुताबिक इन्हीं दोनों ने पहली बार किसी पर प्रैक किया था। बता दें कि दोनों ने 1381 में ये ऐलान किया था कि, दोनों 32 मार्च के दिन सगाई करने जा रहे हैं। राजा-रानी द्वारा की गई इस बड़ी घोषणा को सुन जनता की खुशी का ठिकाना नहीं था। लेकिन लोगों को थोड़ी देर बाद ये समझ आया कि,न मार्च के महीने में और न ही पूरे कैलेन्डर में कहीं 32 तारीख होती है। राजा-रानी की इसी घोषणा को अप्रैल फूल के प्रैंक के रूप में देखा जाता है, और इसके बाद से ही फूल्स डे की शुरुआत हुई थी।

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