Atal Bihari Vajpayee Motivational Quotes: टूटे हुए मन से कोई खड़ा नही हो सकता..., पढ़ें अटल बिहारी वाजपेयी के मोटिवेशनल कोट्स
Atal Bihari Vajpayee Motivational Quotes in Hindi: देश के पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की आज पुण्यतिथि है। इस अवसर पर हम आपके लिए लाए हैं अटल बिहारी वाजपेयी के प्रेरक विचार, जो आपके जीवन में ऊर्जा का संचार करेंगे।
Atal Bihari Vajpayee Motivational Quotes
Atal Bihari Vajpayee Motivational Quotes in Hindi: देश के पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की आज पुण्यतिथि है। 11 जून 2018 में किडनी में संक्रमण और कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था, जहां 16 अगस्त 2018 को उनकी मृत्यु हो गई थी। अटल बिहारी वाजपेयी कुशल राजनेता होने के साथ साथ शानदार कवि और वक्ता थे। उनके विचार ना केवल भारतीय राजनीति, बल्कि आम जनमानस को राह दिखाने वाले हैं। इस अवसर पर हम आपके लिए लाए हैं अटल बिहारी वाजपेयी के प्रेरक विचार, जो आपके जीवन में ऊर्जा का संचार करेंगे।
Atal Bihari Vajpayee motivational quotes on his death anniversary
- इस देश को लेकर मेरी एक दृष्टि है ; ऐसा भारत जो भूख, भय, निरक्षरता और अभाव से मुक्त हो।
- छोटे मन से कोई बड़ा नहीं हो सकता और टूटे हुए मन से कोई खड़ा नही हो सकता।
- जबतक सामाजिक न्याय नहीं है तब तक स्वतंत्रता अपूर्ण है।
Atal Bihari Vajpayee motivational quotes in Hindi
- अस्पृश्यता (Untouchability) कानून के विरुद्ध ही नहीं, बल्कि परमात्मा तथा मानवता के विरुद्ध भी एक गंभीर अपराध है।
- मेरे पास न तो दादा की दौलत है और न ही पिता की संपत्ति, मेरे पास सिर्फ मेरी मां का आशीर्वाद है, जो इन सबसे बहुत बड़ा है।
- मेरी कविता जंग का ऐलान है, पराजय की प्रस्तावना नहीं। मेरी कविता हारे हुए सिपाही का नैराश्य-निनाद नहीं, जूझते योद्धा का जय-संकल्प है। वह निराशा का स्वर नहीं, आत्मविश्वास का जयघोष है।
Motivational quotes by Atal Bihari Vajpayee
- आप दोस्तों को बदल सकते हो लेकिन पड़ोसियों को नहीं।
- देश में जो भेदभाव की दीवारें खड़ी हैं, उसका ढहाना जरूरी है। मानव और मानव के बीच भेदभाव को मिटाने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान की आवश्यकता है।
Atal Bihari Vajpayee ke Vichar
- भुखमरी ईश्वर का कोई विधान नहीं है बल्कि यह तो मानवीय व्यवस्थाओं कि विफलता का परिणाम है।
- मुझे स्वदेश-प्रेम, जीवन-दर्शन, प्रकृति तथा मधुर भाव की कविताएँ बचपन से ही प्रभावित करती रही हैं।
बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी 1996 में पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने, लेकिन, संख्याबल नहीं होने के चलते यह सरकार महज 13 दिन में 1996 को गिर गई। इसके बाद वह 1998 में दोबारा पीएम बने, लेकिन 13 महीने बाद 1999 की शुरुआत में सरकार गिर गई। 1999 में ही उनके नेतृत्व में 13 दलों की गठबंधन सरकार बनी, जिसने सफलतापूर्वक पांच साल का कार्यकाल पूरा किया।
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