Baisakhi 2024 Date: क्या है बैसाखी की सही डेट, जानिए कब, क्यों और कैसे मनाते हैं यह त्योहार
Baisakhi 2024 Date, History, Importance (बैसाखी कब है 2024): गुरुद्वारों को बैसाखी की पूर्व संध्या ही रोशनी से सजा दिया जाता है। बैसाखी के दिन गुरुद्वारों में बड़ी भीड़ देखी जाती है। कुछ लोग सड़कों पर जुलूस भी निकालते हैं। बैसाखी के दिन बंगाल में पोइला बोइसाख, बिहार में सतुआन, तमिलनाडु में पुथांडु, केरल में विशु और असम में बिहू मनाया जाता है।
Baisakhi 2024 Date, History, Importance
Baisakhi 2024 Date in India: सिख समुदाय के लोगों के लिए बैसाखी (Baisakhi 2024) का पर्व खास महत्व रखता है। इस दिन से सिखों का नया साल शुरू होता है। बैसाखी (Baisakhi 2024 Date in India) के दिन परिवार के सारे लोग एक साथ इकट्ठा होते हैं और नए साल का जश्न मनाते हैं। कई लोगों के मन में सवाल है कि इस साल बैसाखी 13 अप्रैल को है या 14 को। तो हम इस शंका को दूर करते हुए बताना चाहते हैं कि इस साल बैसाखी 13 अप्रैल दिन शनिवार (Baisakhi 2024 Date) को मनाई जाएगी। गुरुद्वारों को बैसाखी की पूर्व संध्या ही रोशनी से सजा दिया जाता है। बैसाखी के दिन गुरुद्वारों में बड़ी भीड़ देखी जाती है। कुछ लोग सड़कों पर जुलूस भी निकालते हैं। बैसाखी के दिन बंगाल में पोइला बोइसाख, बिहार में सतुआन, तमिलनाडु में पुथांडु, केरल में विशु और असम में बिहू मनाया जाता है।
बैसाखी का महत्व, क्यों मनाते हैं बैसाखी - History and Importance of Baisakhiधार्मिक मान्यता के अनुसार, रबी फसल तैयार होने के बाद सबसे पहले अग्नि देव को अर्पित किया जाता है। इसके बाद तैयार अन्न को सामान्य लोग ग्रहण करते हैं। बैसाखी नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक है। दरअसल ऐसी मान्यता है कि बैसाखी के दिन ही भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी। बात त्रेता युग और रामायण की करें तो बैसाखी ही वह दिन थी जिस दिन भगवान राम अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद पहली बार अयोध्या के राजा बने थे। त्रेता युग से आगे बढ़ते हुए बात प्राचीन भारत की करें तो बैसाखी के दिन ही महाराजा विक्रमादित्य ने विक्रमी संवत की शुरुआत की थी।
कैसे मनाते हैं बैसाखीबैसाखी के दिन किसान खेतों में लगी अपनी फसल की कटाई करते हैं। इसके पश्चात वह नहा-धो कर गुरुद्वारे में जाते हैं और ईश्वर को हर उस चीज के लिए धन्यवाद देते हैं जो उन्हें इस जीवन में मिला है। लोग गुरुद्वारे के गुरु कीर्तन और गुरबाणी का हिस्सा बनते हैं। एक दूसरे को बैसाखी की शुभकामनाएं देते हैं और स्वादिष्ट भोजन के मजे लेते हैं। पंजाब में इस दिन ज्यादातर घरों में मक्के की रोटी और सरसों का साग भी बनता है। लोग अपने करीबियों के साथ एक जगह पर इकट्ठा होते हैं और मौज मस्ती करते हैं। पुरुष बैसाखी के जश्न में भांगड़ा करते हैं तो महिलाएं गिद्दा पाती हैं। ये दोनों पंजाब के मशहूर लोक नृत्य हैं।
बैसाखी के दिन जगह-जगह पर मेले लगते हैं। ये मेले ऐसे होते हैं जिनका इंतजार लोगों को खासतौर पर बच्चों को पूरे साल होता है। कुछ जगहों पर शोभायात्रा भी निकाली जाती है। गुरुद्वारे से निकलने वाली इन शोभा यात्राओं में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | लाइफस्टाइल (lifestyle News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया के रहने वाला हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में म...और देखें
Birthday Wishes to Son from Mom: ममता की सुर्ख चादर में लिपटे इन संदेशों से बेटे को दें जन्मदिन की शुभकामनाएं, खुशी से झूम उठेगा आपका लाल
Tehzeeb Hafi Shayari 2 line: तेरा चुप रहना मेरे ज़ेहन में क्या बैठ गया.., ताजी हवा के झोंके की तरह हैं तहजीब हाफी के 10 मशहूर शेर
Kadha For Cough Recipe At Home: सर्दी-खांसी होगी झट से छूमंतर.. पिघलेगा छाती में जमा बलगम बस ऐसे बनाकर पी लें ये देसी काढ़ा, देखें Recipe
Home Remedies For Cracked Heels: हफ्ते भर में मिलेगा फटी एड़ियों से छुटकारा, बस अपनएं ये घरलेू नुस्खे
Guru Nanak Jayanti 2024 Wishes Images in Punjabi: सतगुरु नानकु प्रगटिआ.. गुरु पूरब दे बधाई संदेश, अपनों को दें गुरु नानक जयंती की शुभकामनाएं पंजाबी में
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited