Baisakhi 2024: क्या है बैसाखी और भगवान राम का कनेक्शन? आज बैसाखी पर जानिए इससे जुड़ी 8 रोचक बातें

Baisakhi 2024: बैसाखी का पावन पर्व हर साल वैशाख मास में तब मनाया जाता है, जब सूर्य मेष राशि में गोचर करता है। यही कारण है कि इस पावन पर्व को मेष संक्रांति का पर्व भी कहते हैं।

Happy Baisakhi

Happy Baisakhi 2024

Baisakhi 2024: सिखों का महापर्व बैसाखी इस साल भी 13 अप्रैल को मनाया जा रहा है। देश के उत्तरी राज्यों खासतौर पर पंजाब और हरियाणा में बैसाखी प्रमुखता से मनाया जाता है। इस खास दिन यहां के किसान अपनी नई फसल की खुशियों को नाच-गाकर और लजीज पकवान के साथ सेलिब्रेट करते हैं। सिखों का नया साल बैसाखी के दिन से ही शुरू होता है। बैसाखी का पावन पर्व हर साल वैशाख मास में तब मनाया जाता है, जब सूर्य मेष राशि में गोचर करता है। यही कारण है कि इस पावन पर्व को मेष संक्रांति का पर्व भी कहते हैं। भगवान राम जब अपनी शिक्षा-दीक्षा पूरी कर अयोध्या लौटे थे तो बैसाखी वाले नक्षत्र में ही अयोध्या की राजगद्दी पर बैठे थे। आइए जानते हैं बैसाखी से जुड़ी ऐसी कुछ रोचक और महत्वपूर्ण बातें:

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1. बैसाखी का पर्व खासतौर से किसानों का त्योहार है। इस दिन किसान अपनी अच्छी फसल के लिए प्रकृति और परमात्मा की पूजा करते हैं। इसके साथ ही जमकर नाच-गाना होता है।

2. बैसाखी का पावन पर्व हर साल वैशाख मास में मनाया जाता है। वैशाख मास का नाम भी विशाखा नाम के नक्षत्र पर रखा गया है। यह नक्षत्र तब बनता है जब सूर्य मेष राशि में गोचर करता है। इसी कारण बैसाखी को मेष संक्रांति भी कहा जाता है।

3. मान्यता है कि बैसाखी के दिन ही भगवान ब्रह्मा ने इस सृष्टि की रचना की थी। यह भी मान्यता है कि हजारों साल पहले गंगा इसी दिन धरती पर अवतरित हुई थीं। इसी कारण बैसाखी पर स्नान-दान का विशेष महत्व माना गया है।

4. बैसाखी के दिन उगते सूर्य को तांबे के लोटे में गुड़ और कुमकुम मिलाकर जल अर्पित किया जाता है। इस दिन से सौर वर्ष का आरंभ भी होता है। इस कारण से इस त्यौहार पर सूर्य देव की पूजा बहुत जरूरी मानी जाती है।

5. सिखों का नववर्ष बैसाखी के दिन ही शुरू होता है। नववर्ष के इस खास दिन गुरुद्वारे में विशेष रूप से शबद-कीर्तन आदि होता है। बड़ी संख्या में लोग परिवार संग गुरुद्वारे जाते हैं और मत्था टेकते हैं।

6. सिखों शास्त्रो के अनुसार बैसाखी पर्व वाले दिन ही उनके दसवें गुरु माने गए गुरु गोविन्द सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी।

7. बैसाखी को लेकर एक मान्यता यह भी है कि इस दिन जो व्यक्ति अपनी नई फसल से कुछ अनाज जरूरतमंद व्यक्ति को दान करता है तो उसके घर में हमेशा धन-धान्य भरा रहता है।

8. ज्योतिष के अनुसार बैसाखी के दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को गेहूं दान करने पर कुंडली से जुड़ा सूर्य दोष दूर होता है।

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Suneet Singh author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया के रहने वाला हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में म...और देखें

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