Loksabha Election 2024 Results
Loksabha Results 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम आ चुके हैं। इसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने 292 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन के खाते में 233 सीटें आई हैं। एनडीए और इंडिया, दोनों ही सरकार बनाने का दावा कर रही हैं। चुनाव के नतीजों ने हर किसी को हैरान किया है। फिर चाहे वह भाजपा और कांग्रेस जैसे बड़े राजनीतिक दल हों या फिर आम जनता। दरअसल एग्जिट पोल्स में चुनाव परिणामों की तस्वीर असल रिजल्ट से काफी अलग दिखाई गई थी। सत्ताधारी दल की तरफ से दावे भी खूब किये गए थे।
यह चुनाव परिणाम कई मायनों में महत्वपूर्ण हैं। जहां चुनाव के नतीजों ने देश की राजनीति को एक अलग दिशा दी है वहीं ये नतीजे हमें जीवन के कई पाठ भी पढ़ाते हैं। इन नतीजों से हम जिंदगी के कई सबक सीख सकते हैं। आइए जानते हैं कौन सी वो बातें हैं जो लोकसभा चुनाव 2024 परिणाम से हम सब सीख सकते हैं:
1. कभी ना मानें हार: इस बार राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने पिछले दो लोकसभा चुनावों से काफी बेहतर प्रदर्शन किया है। 99 सीटों की जीत के साथ राहुल गांधी ने दिखा दिया है कि कभी हार नहीं माननी चाहिए। दरअसल बतौर नेता राहुल गांधी को 2009 के बाद एक के बाद एक कई चुनावों में करारी शिकस्त मिली है। उन हारों पर उनकी आलोचना भी खूब हुई। वह भारत जोड़ो यात्रा पर निकले। यात्रा के बाद भी उनको कई राज्यों में बुरी तरह से पराजय झेलनी पड़ी। बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और कार्यकर्ताओं और पार्टी में जोश बरकरार रखा। नतीजा लोकसभा चुनाव में दिखा।
2. अहंकार नहीं करना चाहिए: सोशल मीडिया में इस तरह की बातें खूब लिखा जा रही हैं कि बीजेपी के नेताओं का अहंकार उनके मनमाफिक प्रदर्शन ना करने की वजह बना है। लोग स्मृति ईरानी का उदाहरण दे रहे हैं। लोग लिख रहे हैं कि पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को हराकर वह इतने अहंकार में आ गई थीं कि वो अपने आप को अपराजित समझने लगी थीं। हालांकि इस बार अमेठी से गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा के हाथों उन्हें बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा है। यहां हमें यह सीख मिलती है कि कभी अहंकार नहीं करना चाहिए।
3. कुछ भी हो सकता है: राजनीतिक गलियारे में इस तरह की चर्चा हमेशा रही है कि जब तक पीएम मोदी सक्रिय राजनीति में हैं तब तक बीजेपी को कोई हरा नहीं सकता है। पिछले कुछ सालों के चुनावों को देखकर यह मानना कहीं से मुश्किल भी नहीं है। हालांकि विपक्ष खासतौर से कांग्रेस ने कभी हार नहीं मानी। वह लगातार पीएम मोदी के करिश्मे का मुकाबला करती रही। नतीजा ये हुआ कि जहां कई नेता 5-6 लाख के विशाल अंतर से जीते वहीं पीएम मोदी वाराणसी से महज डेढ़ लाख वोटों से ही जीत दर्ज कर पाए। आलम तो ये था कि गिनती की शुरुआत में वह कांग्रेस के अजय राय से पीछे भी रहे। इसी लिए हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए क्योंकि कभी भी कुछ भी हो सकता है।
4. एकता में ताकत: तमाम आलोचनाओं के बाद भी जिस तरह से इंडिया गठबंधन ने एकता दिखाते हुए यह चुनाव लड़ा वह वाकई सीखने लायक है। ये विपक्षी दलों की एकता ही थी जिसने अपराजित दिख रहे नरेंद्र मोदी और बीजेपी को असहज स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है।
5. अति आत्मविश्वास होता है घातक: इस बार के चुनाव परिणामों से हमें सबसे बड़ी सीख जो मिलती है वो ये है कि कभी ओवर कॉन्फिडेंट नहीं होना चाहिए। जिस प्रकार से चुनाव के शुरुआत से ही बीजेपी और एनडीए की तरफ से 400 सीटें जीतने का दावा किया जा रहा था वो उनके अति आत्मविश्वास का ही नतीजा था। अपनी प्रचंड जीत के ओवर कॉन्फिडेंस में सत्ताधारी दल की तरफ से विपक्ष का खूब माखौल भी उड़ाया गया। हालांकि यह ओवर कॉन्फिडेंस सत्ताधारियों को भारी पड़ा। आम जीवन में भी हमें अति आत्मविश्वास से हमेशा बचना चाहिए।
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