अपने मैनेजर से जरूर सीखें ये गुण, इन परिवर्तनों से तय करें कर्मचारी से बॉस तक का सफर

16 अक्टूबर को नेशनल बॉस डे के रूप में मनाया जाता है। यह दिन अपने उच्चाधिकारी या बॉस की सराहना करने का दिन है। हर कर्मचारी अपने बॉस की तरह कामयाब बनना चाहता है। लेकिन इस पद पर पहुंचने के लिए आपको ऑफिस में अपनी आदतों में कुछ परिवर्तन लाने की जरूरत है।

Office tips

मुख्य बातें
  • हर कर्मचारी की यह इच्छा होती है कि वह अपने बॉस के जैसा बने।
  • इस पद तक पहुंचने के लिए बॉस ने काफी मेहनत की होती है।
  • ऑफिस में अपनी आदतों में कुछ बदलाव करना जरूरी होता है।
नई दिल्ली. बॉस डे या बॉस दिवस की शुरुआत 1900 से मानी जाती है। इसका उल्लेख सबसे पहली बार अमेरिकन बुक ऑफ डेज नामक पुस्तक में किया गया था। इसके बाद 1958 में इसे आधिकारिक रूप से मनाया जाने लगा और इसे नेशनल रिटेल मर्चेंट एसोसिएशन कैलेंडर से जोड़ दिया गया। बॉस डे विशेष रूप से कार्यस्थल में मालिकों या बॉस की सराहना का दिन होता है। यह दिन उन्हें इस बात का अहसास कराने का होता है कि वो आपके और संस्थान लिए जो मेहनत करते हैं वह कितना महत्व रखता है। क्योंकि इस पद तक पहुंचने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की और संस्थान को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दिया है।
ऑफिस के कर्मचारी जब भी अपने बॉस को देखते हैं तो उनकी सफलता और पद्धति से प्रेरित भी होते हैं। हर कर्मचारी की यह इच्छा होती है कि वह अपने बॉस के जैसा बने। लेकिन कर्मचारी से बॉस तक का सफर आसान नहीं होता। इसके लिए उनके मार्गदर्शन पर चलने के साथ ही ऑफिस में और अपनी आदतों में कुछ चीजों का बदलवा करना पड़ता है। तभी आप कर्मचारी से बॉस तक का सफर तय कर पाएंगे।
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