कुमार विश्वास से सुनें नवरात्र का महात्मय, मां की महिमा इन मीठे शब्दों में सुनाते हैं कविवर, जानें कैसे करते हैं कथा का वाचन

Kumar Vishwas On Navratri: मां दुर्गा की उपासना के महापर्व चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2024) के साथ ही हिन्दू नववर्ष (Hindu Nav Varsh 2024) का भी आगाज हो चुका है। लोग एक दूसरे को नवरात्रि (Navratri 2024 Wishes) और नववर्ष की शुभकामनाएं (Nav Varsh 2024 Greetings) दे रहे हैं। नवरात्रि (Navratri 2024) के मौके पर कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है।

Kumar Vishwas on Navratri

Kumar Vishwas on Navratri

Kumar Vishwas on Navratri: नवरात्रि (Navratri 2024) के मौके पर सोशल मीडिया में कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है। यह वीडियो हालांकि है तो कुछ वक्त पुराना लेकिन जिस तरह से कुमार विश्वास नवरात्र की कहानी सुना रहे हैं वो किसी का भी मन मोह सकता है। कुमार विश्वास बेहद मीठी वाणी में मां की महिमा का पाठ करते हैं। दरअसल आज 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2024) और हिन्दू नववर्ष (Hindu Nav Varsh) का आगाज हो चुका है। मां शक्ति की भक्ति में रंगे श्रद्धालु एक दूसरे को नवरात्रि (Navratri 2024 Wishes) और नववर्ष की शुभकामनाएं (Nav Varsh 2024 Greetings) दे रहे हैं।
इस वीडियो में कुमार विश्वास ने बताया है कि नवरात्रि क्यों मनाई जाती है। कुमार विश्वास बताते हैं कि कैसे रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए भगवान श्रीराम ने मां दुर्गा की उपासना की थी। भगवान राम ने 9 दिनों तक व्रत रखकर दुर्गा मां की उपासना पूरी की थी। श्री राम के नौ दिनों के कठिन तप और उपवास से प्रसन्न होकर मां दुर्गा प्रकट हुईं। उन्होंने राम और उनकी सेना को रावण पर विजय का आशीर्वाद दिया। मां के आशीर्वाद और अपने कौशल से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने दशमी के दिन रावण का अंत कर लंका पर विजय प्राप्त कर ली थी। इस कारण से भी नवरात्रि का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व है।
वेद पुराणो में इस बात का जिक्र है कि किसी भी कठिन परिस्थिति में पड़ने पर मां शक्ति की उपासना का यह नवरात्रि व्रत अवश्य करना चाहिए। महर्षि विश्वामित्र, भृगु, वशिष्ठ और कश्यप ऋषि ने भी नवरात्रि व्रत का व्रत रख चुके हैं। देवराज इंद्र ने वृत्रासुर का वध करने के लिए नवरात्रि का व्रत रखा था। देवों के देव महादेव ने भी त्रिपुरा वध को मारने से पहले मां दुर्गा की उपासना की थी थी और व्रत रखा था। मधु को मारने के लिए भगवान श्रीहरि ने सुमेरु गिरि पर यह व्रत किया था। नारद मुनि ने स्वयं ये बातें भगवान राम को बताई थीं और कहा था कि इस नवरात्रि व्रत को कर आप रावण पर विजय प्राप्त करेंगे और मां सीता को वापस ला सकेंगे।
मां का व्रत रखने से पहले भगवान राम ने नारद मुनि से पूछा कि यह दिव्य शक्तिमान देवी हैं कौन। नारद मुनि ने उन्हें बताया कि वह आदिशक्ति हैं। सदा सर्वदा विराजमान रहती हैं। उनकी कृपा से सभी कामनाएं सिद्ध हो जाती हैं। बिना उनकी मर्जी के पत्ता तक नहीं हिलता। ब्रह्मा, विष्णु और महेश में जो मंगलमयी शक्ति भासित होती है, वह यह देवी हैं। वेदों की रचना करने का श्रेय इसी शक्ति को है। मां भगवती के असंख्य नाम हैं।
भगवान राम ने मां की महिमा सुनने के बाद नौ दिनों का व्रत करने का मन बनाया। नारद मुनि के बताए अनुसार मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने समतल भूमि पर एक सिंहासन सजाया। उसपर मां भगवती को प्रतीकात्मक रूप में विराजमान कर उनकी उपासना की। 9 दिन के व्रत और आराधना के बाद भगवान राम ने रावण का वध किया और लंका में राम राज्य की स्थापना की।
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Suneet Singh author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया के रहने वाला हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में म...और देखें

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