Navratri Wishes in Sanskrit: संस्कृत के इन मंत्रों से दें चैत्र नवरात्रि की शुभकामनाएं, देखें हैपी नवरात्रि विशेस इन संस्कृत
Chaitra Navratri wishes in Sanskrit (हैप्पी नवरात्रि कोट्स, मंत्र, विशेज, ग्रीटिंग्स इन संस्कृत): नवरात्रि के इस महापर्व के लिए हम आपको संस्कृत (Navratri Sanskrit Wishes) के कुछ ऐसे मंत्र और श्लोक (Navratri Sanskrit Shlokas) बता रहे हैं जिन्हें आप अपने करीबियों को भेजकर उन्हें चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2024 Date) की शुभकामनाएं दे सकते हैं।
Chaitra Navratri wishes in sanskrit (हैप्पी नवरात्रि कोट्स, मंत्र, विशेज, ग्रीटिंग्स इन संस्कृत)
Chaitra Navratri wishes in Sanskrit (हैप्पी नवरात्रि कोट्स, मंत्र, विशेज, ग्रीटिंग्स इन संस्कृत): चैत्र नवरात्रि आज 9 अप्रैल (Chaitra Navratri 2024 Date) से शुरू हो चुकी है। चैत्र नवरात्रि की अष्टमी 16 अप्रैल (Chaitra Navratri 2024 Ashtami Date) और चैत्र नवरात्रि नवमी 17 अप्रैल (Chaitra Navratri 2024 Navami Date) को है। मां शक्ति की उपासना के इस महापर्व को लेकर माता के मंदिरों में तैयारी जोरों पर है। मंदिरों को दुल्हन की तरह सजीयी जी रहा है। चैत्र नवरात्रि के 9 दिनों में माता दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा आराधना की जाती है। माना जाता है कि नवरात्रि के इन नौ दिनों तक माता रानी अपने भक्तों के बीच में होती है। माता रानी को प्रसन्न करने के लिए भक्त नवरात्रि के हर दिन मां के एक नए स्वरूप की अराधना करते हैं।
Navratri Wishes in Sanskritनवरात्रि के इस महापर्व के लिए हम आपको संस्कृत के कुछ ऐसे मंत्र और श्लोक बता रहे हैं जिन्हें आप अपने करीबियों को भेजकर उन्हें चैत्र नवरात्रि की शुभकामनाएं दे सकते हैं। कहा जाता है कि इन मंत्रों के जाप से माता रानी जल्द प्रसन्न होती हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
Navratri Greetings in Sanskrit1. या देवी सर्वभूतेषु भक्ति रूपेण संस्थिता|
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ||
2. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
3. सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्तिभूते सनातनि।
गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोह्यस्तु ते।।
4. ॐ सर्वमंगल मांगल्ये
शिवे सर्वार्थ साधिके
शरण्ये त्रयम्बके गौरी
नारायणी नमोस्तुते !!
5. प्रणतानां प्रसीद त्वं देवि विश्वार्तिहारिणि।
त्रैलोक्यवासिनामीडये लोकानां वरदा भव।।
6. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
7. ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः।
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॐ ।।
8. दुर्गे देवि नमस्तुभ्यं सर्वकामार्थसाधिके।
मम सिद्धिमसिद्धिं वा स्वप्ने सर्वं प्रदर्शय।।
9. ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः।
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॐ ।।
10. या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
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