सीमाओं को लांघ गई छठ पूजा की आस्‍था, फ‍िर भी घर वापसी को पुकारती हैं छठी मैया - जानें एक लोक पर्व की लोकप्र‍ियता की ये श्रद्धा पूर्ण कहानी

Chhath Puja: छठ पूजा का पर्व ब‍िहार के लोगों की आस्‍था ही नहीं उनकी पहचान भी है। ये लोकपर्व पर सीमाओं को लांघकर विदेशों में भी धूम के साथ मनाया जाता है। लेकिन ऐसा क्‍या है कि इन चार दिनों में बिहार के लोग छठी मैया का आशीर्वाद पाने अपनी मिट्टी की ओर ही लौटते हैं। पढ़ें आईपीएस ऑफिसर डॉ. कुमार आशीष के शब्‍दों में ये भावुक कर देने वाली श्रद्धापूर्ण व्‍याख्‍या।

आस्‍था का महापर्व छठ पूजा

Chhath Puja: आस्था के महापर्व छठ की महिमा निराली है। ये त्‍योहार सदियों से बिहार वासियों के मन में अपनी मिट्टी और संस्कृति के प्रति लगाव और महान आस्था का संगम है। यह पर्व उन तमाम बिहारवासियों के लिए और खास हो जाता है जो इस वक्त देश-विदेश के किसी और हिस्से में होते हैं। ऐसी ही कुछ निराली बात बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी डॉ कुमार आशीष के साथ सन 2006-2007 में यहां से 9000 किलोमीटर दूर फ्रांस में हुई थी।

बिहार के जमुई जिला निवासी आईपीएस ऑफिसर डॉ. कुमार आशीष के अनुसार, 15 साल पहले जब वो फ्रांस में स्टडी टूर पर गए थे, तब वहां एक संगोष्ठी में कुछ फ्रेंच लोगों ने उनसे बिहार के बारे में कुछ रोचक और अनूठा बताने को कहा। तो उन्होंने बिहार के महापर्व छठ के बारे में विस्तार से उन लोगों को समझाया। फ्रेंच लोग इससे काफी प्रभावित हुए और उन्होंने कहा कि इस विषय पर फ्रांस के साथ फ्रेंच बोलने-समझने वाले अन्य 54 देशों तक भी इस पर्व की महत्ता और पावन संदेश पहुंचाना चाहिए। स्वदेश लौटने के बाद आशीष ने इस पर्व के बारे मेंऔर गहन अध्ययन एवं बारीकी से शोध कर छठ पर्व को पूर्णत: परिभाषित करने वाला एक लेख Chhath Pouja: l'adoration du Dieu Soleil लिखा जो कि भारत सरकार के अंग 'भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद् दिल्ली' के द्वारा फ्रेंच भाषा में 'rencontre avec l'Inde' नामक किताब में वर्ष 2013 में प्रकाशित हुआ।

नहाय खाय

पहला दिन कार्तिक शुक्ल चतुर्थी नहाय-खाय के रूप में मनाया जाता है। सबसे पहले घर की सफाई कर उसे पवित्र किया जाता है। इसके पश्चात छठव्रती स्नान कर पवित्र तरीके से बने शुद्ध शाकाहारी भोजन ग्रहण कर व्रत की शुरुआत करते हैं। घर के सभी सदस्य व्रति के भोजनोपरांत ही भोजन ग्रहण करते हैं। भोजन के रूप में कद्दू-दाल और चावल ग्रहण किया जाता है। यह दाल चने की होती है। भोजन बनाने के लिए प्राय: सेंधा नमक और अन्य सात्विक चीजों का प्रयोग किया जाता है।

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