Chatth Puja Song lyrics in Hindi: आदित होई ना सहाय.., खूब बरसेगी छठी मैया की कृपा, यहां देखें सबसे मशहूर छठ गीत के बोल हिंदी में
Chatth Puja Song lyrics in Hindi: दिवाली के बाद से ही छठ पूजा (Chhath Puja 2024) के गीत सुनाई देने लगते हैं। छठ पूजा पर भोजपुरी में एक से बढ़कर एक गीत (Chhath ke Geet) लिखे गए हैं। घर हो या घाट, हर जगह फिजाओं में इन गीतों के बोल सुनाई देते हैं। आइए देखते हैं छठ पूजा के सबसे मशहूर गीत के बोल हिंदी में:
Chhath Puja Song Lyrics in Hindi pdf (छठ पूजा गीत हिंदी में)
Chatth Puja Geet lyrics in Hindi (ओह पे सुग्गा मंडराए..): जिसका इंतजार पूरे साल रहता है छठ का वो महापर्व दस्तक दे चुका है। 5 नवंबर को नहाय खाय के साथ चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का यह पर्व काफी महत्व रखता है। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में छठ पूजा सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। इस दिन सूर्य और उनकी बहन मानी जाने वाली छठी मैया की उपासना की जाती है। महिलाएं 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं। छठ पूजा मनाने वालों में गजब का उत्साह देखा जाता है। दिवाली के बाद से ही छठ पूजा के गीत सुनाई देने लगते हैं। छठ पूजा पर भोजपुरी में एक से बढ़कर एक गीत लिखे गए हैं। घर हो या घाट, हर जगह फिजाओं में इन गीतों के बोल सुनाई देते हैं। आइए देखते हैं छठ पूजा के सबसे मशहूर गीत के बोल हिंदी में:
Chhath Puja Song Lyrics | Chhath Puja Geet | Chhatth Bhojpuri Songs
जय छठी मईया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय
ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय
अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय
शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय
ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय
सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय
बता दें कि हिंदू पंचांग के मुताबिक प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। यह दुनिया का इकलौता पर्व है जिसमें डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। बिहार में यह सबसे बड़ा और महत्व वाला त्योहार है।
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मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया क...और देखें
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