Civil Marriage: क्या है सिविल मैरिज? सात फेरों से क्यों बच रहे लोग, जानिए कोर्ट मैरिज से कितनी अलग है सिविल मैरिज

आपने रीति रिवाज वाली शादियां तो खूब देखी होगी, लेकिन क्या आप सिविल मैरिज के बारे में जानते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्या होता है सिविल मैरिज और कैसे ये कोर्ट मैरिज से अलग है।

Civil Marriage.

पिछले दिनों सोनाक्षी सिन्हा ने अपने लॉन्ग टाइम बॉयफ्रेंड जहीर इकबाल से शादी रचाई। दोनों 23 जून को कानूनी तौर पर पति-पत्नी बने। दोनों की शादी की चर्चाएं खूब रही। दरअसल शादी के सुर्खियों में रहने की वजह थी दोनों का अलग अलग धर्म का होना। बता दें कि जहीर इकबाल मुस्लमान हैं और सोनाक्षी सिन्हा हिंदू। ऐसे में दोनों ने आम रीति रिवाजों से शादी नहीं की है, बल्कि सिविल मैरिज के जरिए ब्याह रचाया। आपने अक्सर रीति-रिवाजों और परंपराओं वाली शादियों के बारे में तो खूब सुना होगा लेकिन क्या कभी आपने सिविल मैरिज के बारे में सुना है। आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं कि क्या होती है सिविल मैरिज। और ये कोर्ट मैरिज से कितना अलग होता है।

Sonakshi Sinha Marriage

क्या है सिविल मैरिज

सिविल मैरिज शादी करने का एक नया तरीका है। ये लीगल शादी होती है जिसमें एक मैरिज ऑफिसर होता है। ये मैरिज ऑफिसर रजिस्ट्रार,जस्टिस ऑफ पीस या कोई रिलिजस लीडर हो सकता है। सिविल मैरिज में कुछ स्टेप्स फॉलो करने होते हैं। सिविल मैरिज सेम या दूसरे रिजन, लिंग और कास्ट में की जा सकती है। सिविल मैरिज करने के लिए स्पेशल मैरिज एक्ट (Special Marriage Act), 1954 के तहत शादी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया जाता है। अगर दो धर्म के लोगों को शादी करनी हैं तो इसके आवेदन देने की तारीख तक लड़के-लड़की का बालिग होना बेहद जरूरी है। लड़के की उम्र 21 साल और लड़की की उम्र 18 साल से कम नहीं होनी चाहिए।

What is Civil Marriage

सिविल मैरिज के लिए दोनों पहले से शादीशुदा नहीं होने चाहिए। साथ ही दोनों का मानसिक रूप से स्वस्थ्य होना बेहद जरूरी है, तभी दोनों की शादी हो सकती है। इस तरह की शादी करने के लिए लड़का और लड़की के सभी जरूरी दस्तावेजों को मैरिज ऑफिसर के पास जमा करना होता है। फिर इन सारे दस्तावेजों को वेरीफाई किजा जाता है। शादी के लिए आवेदन देने के बाद रजिस्‍ट्रार 1 महीने यानि 30 दिन का पब्लिक नोटिस निकालता है। इस नोटिस में रजिस्‍ट्रार ये पूछता है कि किसी को इस शादी से कोई आपत्ति तो नहीं है? अगर कोई आपत्ति है, तो वह रजिस्‍ट्रार को लिखित में सूचित कर सकता है इसके बाद शादी का तारीख निकाली जाती है। आखिर में मैरिज ऑफिसर कपल और कुछ गवाहों की मौजूदगी में दोनों की शादी करवाता है और मैरिज सर्टिफिकेट देता है।

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