न्यू ईयर पर आ रहे हैं जयपुर तो देखना न भूलें नौ सौतनों के 9 महल, बहुत ही अनोखा है नाहरगढ़ फोर्ट

Jaipur New Year Places: नाहरगढ़ किला जो कि, जयपुर शहर के गौरवशाली अतीत का प्रतीक है जरूर देखने जाएं जिससे आपके नए साल के जश्न का मजा दुगुना हो जाएगा। 17वीं शताब्दी के समय इस फोर्ट के निर्माण पर करीब 3.30 लाख रुपए खर्च हुए थे। सवाई माधोसिंह ने अपने नौ प्रेमिकाओं के लिए उनके नाम से इस किले में एक मंजिले और दो मंजिले 9 महलों का निर्माण करवाया था।

जयपुर के नाहगरगढ़ किले में मौजूद महलों के बाहर का दृश्य। (फाइल फोटो )

मुख्य बातें
  • 17वीं शताब्दी में फोर्ट के निर्माण पर करीब 3.30 लाख रुपए खर्च हुए थे
  • सवाई माधोसिंह ने अपनी नौ प्रेमिकाओं के लिए 9 महलों का निर्माण करवाया था
  • महलों की छत पर बनी तिबारियों और कक्षों में की गई भित्ति चित्रकारी लाजवाब है
Jaipur New Year Places: अगर आप न्यू ईयर पर जयपुर घूमने का प्लान बना रहे है तो नवंबर से फरवरी सर्दियों का समय सबसे अच्छा समय होता हैं। यहां आने के बाद अगर आप अरावली की सुरमयी पहाड़ियों के बीच मौजूद नाहरगढ़ किला जो कि, जयपुर शहर के गौरवशाली अतीत का प्रतीक है जरूर देखने जाएं जिससे आपके नए साल के जश्न का मजा दुगुना हो जाएगा। बता दें कि, स्टेट टाइम में आमेर और जयगढ़ फोर्ट के साथ ही नाहरगढ़ किला जयपुर शहर की सुरक्षा दीवार था। जयपुर शहर बसाने के करीब 7 सालों के बाद महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने 1734 में नाहरगढ़ किला बनवाया था। हालांकि इसके निर्माण के पीछे की वजह मराठों के हमले से बचने की थी। मगर बाद में इसे यहां के राजाओं ने गर्मियों की छुट्टियां बिताने के काम में लेने लगे थे। तौर पर काम में लिया जाने लगा। 17वीं शताब्दी के समय इस फोर्ट के निर्माण पर करीब 3.30 लाख रुपए खर्च हुए थे।
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इतिहास में दर्ज तथ्यों के मुताबिक सवाई माधोसिंह ने अपने नौ प्रेमिकाओं के लिए उनके नाम से इस किले में एक मंजिले और दो मंजिले 9 महलों का निर्माण करवाया था। खास बात ये है कि, ये सभी महल एक जैसे बनवाए गए। उस समय इन्हें “विक्टोरियन शैली” में बनवाया गया था। माधोसिंह ने इनके नाम भी अपनी नौ प्रेयसियों के नाम पर रखे जिसमें सूरज प्रकाश, खुशहाल प्रकाश, जवाहर प्रकाश, ललित प्रकाश, आनंद प्रकाश, लक्ष्मी प्रकाश, चांद प्रकाश, फूल प्रकाश व बसंत प्रकाश। इन महलों की सबसे बड़ी खासियत ये है कि रानियों के सभी महल छत पर मौजूद एक गलियारे से जुड़े हैं। जो कि राजा के कक्ष में दोनों ओर से रानियों के महल से जुड़ा है। यहां से होकर राजा किसी भी रानी के महल में जा सकते थे।
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