Constitution Day 2022 Date: कब और क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस? क्या है इसका महत्व व इतिहास, जानें रोचक तथ्य
Constitution Day of India 2022 Date: प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। बता दें पहली बार संविधान दिवस 26 नवंबर 2015 को मनाया गया। इस दिन से प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को उनके मौलिक अधिकारों व कर्तव्यों से जागरूक करना है। आइए जानते हैं क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस, महत्व व इतिहास से लेकर संपूर्ण जानकारी।
संविधान दिवस 2022 कब? जानें महत्व व इतिहास
- प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है।
- डॉ.भीमराव अंबेडकर की जन्म जयंती को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- इस दिन संविधान सभा ने वर्तमान संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था।
Constitution Day of India 2022 Date: भारत में प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस (Constitution Day) मनाया जाता है। संविधान में ना केवल 130 करोड़ लोग अपना भविष्य देखते हैं बल्कि उसकी मर्यादा के लिए दिल-ओ-जान से जुटे भी रहते हैं। 74 साल का यह आजाद मुल्क ना जाने कितनी मुसीबतों से गुजरा है, जब-जब देश घने अंधेरे के दौर से गुजरा मंजिल की रोशनी हमारे संविधान ने दिखाई। सदियों से गुलामी की मानसिकता से टूटे देश को संविधान ने एक संबल (Constitution Day of India) दिया। वहीं इसमें दिए मौलिक अधिकार हमारी ढाल बनकर हमें हमारा हक दिलाते हैं। साथ ही इसमें दिए मौलिक कर्तव्य हमें हमारे कर्तव्यों की याद भी दिलाते हैं। संविधान के महत्व व इतिहास के प्रति लोगों को जागरूक करने व संवैधानिक मूल्यों का प्रचार प्रसार करने के लिए प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है।
बता दें साल 2015 में संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर की 125वीं जन्म जयंती पर संविधान दिवस मनाने का फैसला लिया गया था, इस दिन पहली बार संविधान दिवस मनाया (Constitution Day Importance) गया। इस दिन से प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। ऐसे में इस लेख के माध्यम से आइए जानते हैं कब मनाया जाता है संविधान दिवस, इसका महत्व व इतिहास से लेकर संपूर्ण जानकारी।
कैसे तैयार किया गया संविधान26 नवंबर 1949 को देश के संविधान सभा ने वर्तमान संविधान को विधिवत रूप से अपनाया। हालांकि इसे 26 जनवरी 1950 को पूर्ण रूप से लागू किया गया था। संविधान को तैयार करने में कुल 2 साल 11 महीने 18 दिन का समय लगा था। आजादी की लड़ाई के साथ ही संविधान को आकार देना शुरू कर दिया गया था। वहीं इसका गठन जुलाई 1946 में किया गया। संविधान सभा में कुल 389 सदस्य थे , जिसमें महिला सदस्यों की कुल संख्या 12 थी। संविधान सभा का स्थायी अक्ष्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद को मनोनीति किया गया था।
आपको शायद ही पता होगा कि कुल 60 देशों के संविधान का अध्ययन करने के भारत के संविधान का ड्राफ्ट तैयार किया गया था। वहीं अंतिम रूप देने से पहले इसमें करीब 2000 से अधिक संशोधन किए गए थे। भारत का संविधान विश्व के सभी देशों में सबसे लंबा संविधान है, इसमें 395 अनुच्छेद, 22 भाग और 12 अनुसूचियां हैं।
क्या है संविधान दिवस का महत्वसाल 2015 से प्रत्येक वर्ष संविधाद दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों उनके मौलिक अधिकारों व कर्तव्यों से जागरूक करना है। साथ ही संवैधानिक मूल्यों का प्रचार प्रसार करना है। इसलिए प्रत्येक वर्ष संविधान दिवस का आयोजन किया जाता है। इस संसद भवन से लेकर सभी स्कूल कॉलेज व शैक्षणिक संस्तानों व सरकारी संस्थानों में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्मदिन भी मनाया जाता है।
भारतीय संविधान की खास बातेंभारत के संविधान की खूबसूरत इसमें दर्ज प्रावधाने से ही नहीं बल्कि इसकी मूल प्रतियों की साज सज्जा भी इसे विश्व के सभी देशों के संविधान से अलग बनाती है। बता दें हिंदी और अंग्रेजी में लिखी गई हमारे संविधान की मूल प्रतियों को भारत के संसद की लाइब्रेरी में रखा गया है। तथा मूल संविधान को प्रेम बिहारी राय दादा ने अपनी सुंदर राइटिंग के साथ इटैलियन शैली में लिखा है और संविधान की मूल प्रति के हर पन्ने को शांति निकेतन के कलाकारों ने अनोखे ढ़ंग से सजाया है।
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मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी अयोध्या का रहने वाला हूं। लिखने-पढ़ने का शौकीन, राजनीति और श...और देखें
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